Queen Elizabeth II Funeral: ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का सोमवार 19 सितंबर को लंदन के विंडसर में अंतिम संस्कार किया गया। मालूम हो कि महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का निधन 8 सितंबर को हुआ था। इसकी जानकारी शाही परिवार की ओर से विश्व को दी गई थी। वहीं, महारानी के अंतिम दर्शन के लिए भारत की ओर से राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू भी लंदन पहुंची थीं। महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने ब्रिटेन की महारानी के रूप में 70 सालों तक शासन किया।

Queen Elizabeth II Funeral: तोपों से दी गई अंतिम सलामी
महारानी के पार्थिव शरीर का काफिला एक विशेष गाड़ी से विंडसर की ओर बढ़ रहा था। काफिले में हजारों सैनिक और सैकड़ों घोड़े शामिल थे। इस दौरान विंडसर कासल के चर्च का घंटा एक निर्धारित समय पर बज रहा था। साथ ही तोपों से सलामी भी दी जा रही थी। शांत वातावरण में चर्च का घंटा और सैनिकों के घोड़ों के चलने की आवाज साफ सुनाई दे रही थी। लोग शांत और खामोश थे। अंग्रेजी सेना के जवान एक लय में कदम से कदम मिलाकर चर्च की ओर बढ़े जा रहे थे। अंतिम यात्रा के काफिले में महारानी के पार्थिव शरीर को लेकर विशेष गाड़ी बीच में चली जा रही थी। इसके साथ ही चारों तरफ ब्रिटेन की सेना आगे बढ़ती जा रही थी। इस दौरान महारानी के सम्मान में बैंड-बाजे की धुन भी सुनाई दे रही थी। मौके पर मौजूद हजारों की संख्या में लोग महारानी की अंतिम यात्रा को अपने कैमरे में कैद कर रहे थे।

वहीं, महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का ताबूत लंदन से विंडसर पहुंच गया। रथ लॉन्ग वॉक से विंडसर कैसल तक एक जुलूस में शामिल हुआ। कमिटमेंट सेवा के लिए सेंट जॉर्ज चैपल में जाने से पहले इसमें किंग चार्ल्स III और शाही परिवार के अन्य सदस्य शामिल हुए। इसके बाद चर्च में महारानी के पार्थिव शरीर को रखा गया और प्रार्थना की गई। प्रार्थना सभा में किंग चार्ल्स तृतीय के साथ शाही परिवार भी शामिल था। सभी प्रार्थना कर रहे थे।

रॉयल वॉल्ट में उतारा गया महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का ताबूत
प्रार्थना के बाद क्राउन जूलर ताबूत के ऊपर से इंपीरियल स्टेट क्राउन (शाही ताज), राजसी आभूषणों और राजदंड को हटा दिया गया। इसी के साथ महारानी अंतिम बार ताज से अलग हो गईं। इसके बाद किंग ने क्वीन के ग्रेनाडियर गार्ड के कंपनी कैंप कलर या ध्वज को ताबूत पर रखा। ग्रेनाडियर गार्ड सम्राट के लिए अनुष्ठानिक ड्यूटी करने वाले सबसे वरिष्ठ पैदल गार्ड माना जाता है। इसके बाद द लॉर्ड चैंबरलेन, एमआई 15 के पूर्व प्रमुख बेरोन पार्कर, अपने कार्यकाल की छड़ी को तोड़कर ताबूत पर रख दिया। इस सफेद छड़ी का टूटना शाही घराने के सबसे वरिष्ठ अधिकारी के रूप में उनकी सेवा के अंत का भी संकेत माना जाता है। इसके बाद महारानी के ताबूत को शाही वॉल्ट में उतार दिया गया।
मिली जानकारी के अनुसार, इसके बाद एक निजी पारिवारिक प्रार्थना के बाद, महारानी को अपने दिवंगत पति, ड्यूक ऑफ एडिनबरा के पास, किंग जॉर्ज षष्ठम स्मृति चैपल में दफन कर देने की बात कही गई। ये सेंट जॉर्जेज चैपल के भीतर ही बना है।

अंतिम दर्शन के लिए वेस्टमिंस्टर हॉल रखा गया पार्थिव शरीर
क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय के अंतिम दर्शन के लिए उनके पार्थिव शरीर को वेस्टमिंस्टर हॉल में रखा गया। यहां तमाम देशों से पहुंचे राष्ट्राध्यक्षों ने महारानी के अंतिम दर्शन किये। वहीं, इसके बाद महारानी की फ्यूनरल सर्विस शुरू की गई। वेस्टमिंस्टर के डीन डेविड हॉयल ने अंतिम संस्कार का नेतृत्व किया। यॉर्क के आर्कबिशप, वेस्टमिंस्टर के कार्डिनल आर्कबिशप, चर्च ऑफ स्कॉटलैंड की महासभा के मॉडरेटर और फ्री चर्च मॉडरेटर की ओर से प्रार्थना की गई। इसके बाद महारानी की फ्यूनरल सर्विस समाप्ति की ओर बढ़ी। वेस्टमिंस्टर एबे के अंदर ब्रिटिश राष्ट्रगान, “गॉड सेव द किंग” गाया गया। इसके बाद लंदन से होते हुए वेलिंगटन आर्क तक महारानी का पार्थिव शरीर गया, वहां से महारानी को दफनाने के लिए एक विशेष गाड़ी से उनके पार्थिव शरीर को विंडसर की ओर ले जाया गया।
महारानी के अंतिम दर्शन करने पहुंचे कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष
क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय के अंतिम संस्कार में शामिल होने और शाही परिवार के प्रति सांत्वना व्यक्त करने के लिए देश-विदेश के कई शीर्ष नेता और कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष लंदन पहुंचे। भारत की राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, अस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी एल्बनीज, चीन के उपराष्ट्रपति वांग किशान, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के अंतिम संस्कार में शामिल हुए। क्वीन के अंतिम संस्कार में करीब 2000 लोग अन्य देशों से शामिल हुए। वहीं, लाखों लोगों ने राजधानी की सड़कों पर खड़े होकर महारानी के अंतिम दर्शन किए।
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