अफगानिस्तान (Afghanistan) में बंदूक की नोक पर सरकार चलाने वाले तालिबान (Taliban) को लेकर भारत के पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान (Pakistan) ने बड़ी बात कह दी है। वैसे भी तालिबान और पाकिस्तान के रिश्ते दुनिया से छुपे नहीं है लेकिन आज खुद पाक ने कबूल कर लिया है कि, तालिबान को संरक्षण देता है।
तालिबानी संगठन को पनाह देकर किया मजबूत: Sheikh Rashid
Pakistan के आंतरिक मामलों के मंत्री Sheikh Rashid ने कबूल किया है कि, इस्लामाबाद लंबे समय से तालिबान का संरक्षक रहा है। राशिद ने कहा कि हमने संगठन को आश्रय देकर उसे मजबूत करने का काम किया, जिसका परिणाम आप देख सकते हैं कि 20 साल बाद यह समूह एक बार फिर अफगानिस्तान पर शासन करेगा। राशिद ने आगे कहा कि हमने तालिबान को पाकिस्तान में आश्रय, शिक्षा और घर दिया है। हमने उनके लिए सब कुछ किया है।
बता दें कि,शेख रशिद का बयान ऐसे वक्त पर आया है जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Pakistan Prime Minister Imran Khan) ने खुद तालिबान का समर्थन किया है। 15 अगस्त को अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा देख कर इमरान खान ने कहा था कि, देश ने गुलामी की जंजीरे तोड़ दी है।
विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी भी कर चुके हैं समर्थन
प्रधानमंत्री इमरान खान ने 16 अगस्त को इस्लामाबाद में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि, ”अफगानिस्तान ने गुलामी की जंजीरें तो तोड़ दी, लेकिन जो जहनी गुलामी की जंजीरे हैं वो नहीं टूटती।”
अपने प्रधानमंत्री का तालिबान को समर्थन करते देख पाकिस्तान के कई नेता तालिबान के हमदर्द बन रहे हैं। बता दें कि इससे पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने 28 अगस्त को विवादित बयान देते हुए कहा था कि इस्लामाबाद अफगानिस्तान को समर्थन देने के लिए रचनात्मक भूमिका निभाता रहेगा। इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र महासचिव (यूएनएसजी) एंटोनियो गुटेरेस के साथ टेलीफोन पर बातचीत के दौरान कुरैशी ने कहा था कि विश्व समुदाय के लिए स्थिति को स्थिर करने और अफगान लोगों को आर्थिक रूप से मदद करने और मानवीय सहायता जारी रखने के लिए अफगानिस्तान के साथ जुड़े रहना आवश्यक है।
इतनी ही नहीं पाकिस्तान में कई धार्मिक पार्टियों ने तालिबान का स्वागत किया था। अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा देख वहां पर मिठाईयां बाटी गई थी। कई पार्टियों ने जश्न भी मनाया था। इसी तरह कई इस्लामिक देशों ने तालिबान का समर्थन किया है।
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