Pakistan Crisis: पाकिस्तान के आर्थिक हालात बहुत ही बुरे दौर से गुजर रहे हैं। भारत के पडोसी देश की आर्थिक स्थिति फिलहाल 75 सालों में सबसे बुरी है। जहां आईएमएफ यानी अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से पाकिस्तान को मदद नहीं मिलने के वजह से उसकी हालात बद से बदतर होती जा रही है। वहीं दूसरी तरह पाकिस्तान की विदेशी मुद्रा भंडार में भी कमी देखने को मिल रही है। दूसरी तरह मंहगाई ने आम आदमी की कमर तोड़ रखी है। दूध से लेकर आंटा, दाल, चावल तक के दामों में बढोत्तरी देखी जा रही है।

Pakistan Crisis: देश के आर्थिक बदहाली की वजह
भारत में जहां महंगाई दर 4.7 फीसदी और खाद्य महंगाई दर 3.8 फीसदी है। वहीं पाकिस्तान में खाद्य महंगाई दर 48.7 फीसदी तक पहुंच चुकी है। दूध, दही, आटा, चावल, सब्जी, फल जैसी खाने पीने की चीजों के दाम काफी बढ़ गए हैं। ऐसे में वहां की जनता दो वक्त की रोटी भी जुटा नहीं पा रही है।
पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ 6.6 बिलियन डॉलर का बेलआउट पैकेज प्लान किया था। इसकी किस्त पाने के लिए पाकिस्तान लंबे वक्त से कोशिश कर रहा है। जो कि पाकिस्तान को नवंबर 2022 में मिलनी थी लेकिन देश में जारी आस्थिरता और आईएमएफ की शर्तों पूरी न करने के कारण उसे नहीं मिल सकी है। जिसकी वजह से देश के मुद्रा भंडार में कमी आ रही है।

Pakistan Crisis: आईएमएफ की डील समय पर नहीं मिलने की वजह से देश का विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से नीचे गिर रहा है। जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान का फोरेक्स रिजर्व 31 मार्च 2023 तक 9.76 बिलियन डॉलर था। वहीं अप्रैल 2023 में देश की विदेशी मुद्रा भंडार 9.1 बिलियन डॉलर हो गया है।
आर्थिक संकट की वजह से पाकिस्तान के लोग बेरोजगारी की समस्या से भी जूझ रहे हैं। शिक्षित युवा वर्ग नौकरी के लिए भटक रहा है। एक आंकड़ों के मुताबिक देश में लगभग 31 फीसदी से अधिक युवा बेरोजगार हो चुके हैं। जिसमें 51 फीसदी महिलाएं हैं और 16 फीसदी पुरुष हैं। बता दें कि बेरोजगार युवाओं में डॉक्टर इंजीनियर जैसे लोग शामिल हैं।
पाकिस्तान द्वारा वित्त वर्ष 2022-23 के लिए अपने सकल घरेलू उत्पाद की विकास दर के आंकडे जारी किए हैं। जिसमें देश की जीडीपी के अनुमान को 2 फीसदी से सम करके 0.29 फीसदी किया गया है। देश के लिए कम होती जीडीपी एक बहुत बड़ा खतरा है।
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