2 मई 2011 में हुई अल-कायदा के पूर्व सरगना ओसामा बिन लादेन की मौत को लेकर एक नया खुलासा हुआ है। ओसामा एक ऐसा आंतकी थी जिसने पूरी दुनिया को दहशत में डाल दिया था। ओसामा की मौत को लेकर अमेरिकी नेवी सील के कमांडो राबर्ट ओ नील ने अपनी किताब ‘द ऑपरेटर: फायरिंग द शॉट्स दैट किल्ड बिन लादेन’ में बताया कि उसी ने ओसामा को मार गिराया था। उन्होंने अपनी किताब में बताया कि उन्होंने ओसामा के सिर पर तीन गोलियां मारी थी।
शूटर राबर्ट ओ नील के तीन गोलियां मारने से ओसामा के सिर के टुकड़े हो गए थे जिससे उसकी पहचान करने में परेशानी हो रही थी। इसके बाद ओसामा के सिर के टुकड़ों को जोड़कर उसकी पहचान की गई थी। छह साल पहले पाकिस्तान के एबटाबाद की एक इमारत में लादेन को मौत के घाट उतारा गया था। लादेन के खात्मे के लिए किए गए ऑपरेशन में अमेरिकी नेवी के सील कमांडो की 6 सदस्यों वाली टीम शामिल थी, बाकी के कमांडो उनकी सहायता के लिए थे। ओ नील की किताब विवादों में भी है क्योंकि उन्होंने ओसामा को मारने के लिए स्पेशल ऑपरेशन के नियमों का उल्लंघन करते हुए ऑपरेशन की जानकारी अपनी किताब में सार्वजनिक रूप से साझा की थी। किताब में गोपनीय बातें बताने के चलते नॉन-डिस्क्लोजर डील का उल्लघंन करने पर ओ नील को 68 लाख डॉलर का भुगतान करना होगा।
अपनी इस किताब में ओ नील ने स्पेशल ऑपरेशन की कई बातें बताई। उन्होंने बताया कि उस ऑपेशन में उनके साथ उनके दूसरे सिपाही भी थे और तीसरी मंजिल में जाते हुए उन्हें ओसामा का बेटा खालिद दिख गया था जिसके हाथ में बंदूक थी। सील सैनिको ने खालिद को धोखे से अरबी भाषा में बाहर बुलाकर गोली मार दी। बताया गया था कि ओसामा उस समय वहां अपनी तीन पत्नियों ओर 17 बच्चों के साथ था। तीसरी मंजिल पर पहुंचते ही ओ नील ने निशानेबाज को गोली चलाने का इशारा किया। गोलियों से 2 औरतों की जान चली गई। ओ नील ने बताया कि जैसे ही वह कमरे में घुसे वैसे ही उन्होंने ओसामा को देखा उसके साथ उसकी पत्नी भी थी। ओ नील ने समय न लेते हुए ओसामा के सिर पर गोली मार दी जिससे वह वहीं ढेर हो गया। ऑपरेशन खत्म होने के बाद ओ नील और उनके अन्य सैनिक एबटाबाद से चालीस मिनट की दूरी तय कर अफगानिस्तान के कैंप में चले गए थे।