Rings of Saturn: शनि ग्रह के रिंग की कैसे हुई उत्पत्ति? MIT के वैज्ञानिकों ने किया खुलासा

रिसर्च से जुड़े वैज्ञानिकों का कहना है कि शनि के खुद के इस बड़े चंद्रमा के विनाश के चलते ही ग्रह के रिंग की उत्पत्ति हुई और शनि ग्रह लगभग 27 डिग्री झुक गया।

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Rings of Saturn: शनि ग्रह के रिंग, सौर मंडल की सबसे बेहतरीन संरचनाओं में से एक हैं। शनि ग्रह के रिंग छोटे-छोटे कणों से बने हुए हैं। यह कण मुख्य रूप से पानी की बर्फ के बने हैं पर इनमें चट्टानों के कण भी शामिल हैं। इन कणों का आकार कुछ सेंटीमीटर से लेकर कुछ मीटर तक का है। रिंग शनि ग्रह से लगभग 1,75, 000 मील की दूरी तक फैले हैं। लेकिन अगर इसकी मोटाई की बात करें तो ये केवल 30 फीट है। वैज्ञानिकों के पास अभी कोई ठोस जानकारी नहीं है कि इस रिंग की वास्तव में उत्पत्ति कैसे हुई?

“शनि ने खुद के ही एक उपग्रह को नुकसान पहुंचाया”

हालांकि, एमआईटी के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए मॉडलिंग रिसर्च से पता चलता है कि शनि के रिंग के पीछे की कहानी अलग है, यह कोई सामान्य घटना नहीं है। यह रिसर्च बताती है कि कैसे शनि ने खुद के ही एक उपग्रह को नुकसान पहुंचाया। साइंस जर्नल में गुरुवार को प्रकाशित रिसर्च के अनुसार, आज का शनि 83 चंद्रमाओं का स्वामी है। अरबों वर्षों पहले शनि ग्रह एक अतिरिक्त चंद्रमा का घर था, जिसे क्रिसलिस कहा जाता था।

शनि ग्रह के गुरुत्वाकर्षण से टुकड़ों में तब्दील हो गया चंद्रमा

शोधकर्ताओं का मानना है कि 160 मिलियन वर्ष पहले, क्रिसलिस ने अपनी स्थिरता खो दी थी, और परिक्रमा करते हुए शनि के बहुत करीब आ गया। शनि ग्रह के गुरुत्वाकर्षण से चंद्रमा टुकड़ों में तब्दील हो गया। रिसर्च के अनुसार, यह घटना वास्तव में, इतनी भीषण थी कि शनि अपने धुरी से 27 डिग्री झुक गया। क्रिसलिस के अवशेष संभवतः शनि पर ही गिर गए। लेकिन शोधकर्ताओं का मानना ​​​​है कि उन टुकड़ों का एक अंश शनि की ही कक्षा में रहा होगा और बाद में छोटे बर्फीले टुकड़ों में तब्दील हो गया जो अब शनि के विशाल रिंग हैं।

बता दें कि नया अध्ययन न केवल यह बताता है कि शनि क्यों झुका है, बल्कि यह भी है कि रिंग की उतपत्ति एक दुर्लभ घटना है। एमआईटी के एक ग्रह वैज्ञानिक और नए अध्ययन के प्रमुख लेखक जैक विजडम ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि यह उपग्रह लंबे समय तक निष्क्रिय था और अचानक सक्रिय हो गया। बाद में इसमें रिंग उभर आए। सितंबर 2017 में नासा के कैसिनी अंतरिक्ष यान से एकत्र किए गए डेटा के आधार पर मॉडलिंग संभव हो पाई है। हालांकि, उस दौरान कैसिनी अंतरिक्ष यान शनि के वातावरण में प्रवेश करते ही खत्म हो गया था। क्योंकि इस यान की निर्धारित समय सीमा पूरी हो गयी थी।

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नेपच्यून और शनि एक वक्त में एक दूसरे के साथ जुड़े थे

नए रिसर्च से पता चला कि नेपच्यून और शनि एक वक्त में एक दूसरे के साथ जुड़े हुए थे। रिसर्च टीम ने दोनों ग्रहों के इस इतिहास को समझने की कोशिश की, और अंततः क्रिसलिस के अस्तित्व के बारे में जानकारी निकल कर सामने आई है।

रिसर्च से जुड़े वैज्ञानिकों का कहना है कि शनि के खुद के इस बड़े चंद्रमा के विनाश के चलते ही ग्रह के रिंग की उत्पत्ति हुई और शनि ग्रह लगभग 27 डिग्री झुक गया। बताते चलें कि शोधकर्ताओं ने 2004 से 2017 तक नासा के कैसिनी अंतरिक्ष यान से एकत्र किए गए डेटा का इस्तेमाल करते हुए नए सिरे से इस पर रिसर्च किया। जिसके बाद शनि के रिंग के बारे में ये जानकारी सामने आई है।

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