अपने पड़ोसी देश से चुनौतियों का सामना कर रहे भारत के लिए अब एक और मुश्किल बढ़ने वाली है। दक्षिण भारत का समुद्री पड़ोसी देश मालदीव अपने एक द्वीप को सउदी अरब को बेचने के लिए जुटा है। जिसके लिए अब्दुल्ला यमीन की सरकार ने लगभग सारी तैयारियां भी कर ली गई हैं और वहीं यूएई के किंग सलमान बिन अबदुल अजीज जल्द ही मालदीव की यात्रा के लिए रवाना होने वाले हैं।
बता दें कि मालदीव में पहले अन्य किसी देश को जमीन बेचना मुल्क से गद्दारी के समान माना जाता था। जिसके लिए वहां मौत की सजा दी जाती थी लेकिन 2015 में सरकार द्वारा एक संवैधानिक संशोधन किया है। जिसके तहत विदेशी यहां की जमीन खरीद सकते हैं। एक अंग्रेजी पत्रिका में छपी खबर के अनुसार मालदीव की विपक्षी पार्टी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी(एमडीपी) के पूर्व विदेश मंत्री अहमद नसीम ने कहा कि 26 द्वीपों में से एक द्वीप जो कि फाफू नामक द्वीप है। उसे बेचने के लिए सरकार बिल्कुल परेशान नजर नहीं आ रही है। अगर यह द्वीप सरकार यूएई को बेचती है तो इसके बाद देश में वहाबीइज्म की विचारधारा को बढ़ावा मिलेगा और जल्द सभी स्कूल मदरसों में तबदील होते दिखाई पड़ेंगे। उन्होने आगे कहा कि यूएई सरकार मालद्वीप को हर साल 300 छात्रों को शिक्षित करने के लिए स्कॉलरशिप देती है। जिसके चलते यहां की 70 प्रतिशत आबादी वहाबी पंथ अपना चुकी है।
पिछले साल ही मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन भारत दौरे पर आए थे। लेकिन विदेशो से भी अपनी शाख को मजबूत करते दिखाई दे रहे प्रधानमंत्री मोदी अबतक मालदीव दौरे पर नहीं गए हैं।