लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा (Luiz Inácio Lula da Silva) ने ब्राजील (Brazil) के 39वें राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभाल लिया है। 77 वर्षीय लूला ने नए साल के पहले दिन ही यानी 1 जनवरी 2023 को राष्ट्रपति पद की शपथ ली। शपथ लेने के बाद लूला डा सिल्वा ने कहा, हम ब्राजील का पुनर्निमाण करेंगे।
शपथ लेने के बाद लूला ने कहा कि सालों तक लड़ाई कर हमने जो अधिकार, आजादी और विकास पिछले कुछ समय में खोया उसे वापस हासिल किया जाएगा। अक्टूबर 2022 में हुए चुनाव में लूला डा सिल्वा ने ब्राजील के गरीब लोगों के जीवन में सुधार, नस्लीय और लैंगिक समानता को लेकर काम करने का वादा किया।
शपथ ग्रहण समारोह के लिए ब्रासीलिया (Brasilia) राज्य ने अपनी सारी पुलिस को शहर में इस डर के बीच तैनात किया कि कहीं बोल्सोनारो के कुछ समर्थक शपथ ग्रहण की कार्यवाही को बाधित न कर दे।
पहले दिन क्या किया?
लूला ने राष्ट्रपति के रूप में अपने पहले दिन ही बोल्सोनारो (Jair Bolsonaro) सरकार के फैसलों को पलटना शुरू कर दिया है। इसके साथ ही बोल्सोनारो के हथियारों को बढ़ावा देने वाले ढ़ीले कानूनों को रद्द कर दिया।

वहीं लूला ने अमेजन फंड को भी पुनर्स्थापित किया, जो वनों की कटाई से लड़ने और अमेजन में पर्यावरण को संरक्षित करने वाली परियोजनाओं के लिए विदेशी धन का उपयोग करता है। जर्मनी और नॉर्वे अब तक अमेजन फंड के सबसे बड़े दानकर्ता रहे हैं। इसके अलावा लूला ने ब्राजील की मुख्य पर्यावरण एजेंसी, इबामा के पुनर्निर्माण को भी मंजूरी दे दी। बोल्सोनारो द्वारा इस एजेंसी के बजट में भारी कटौती के बाद इसके कर्मचारियों में भारी कटौती देखी गई थी। साथ ही ईंधन पर की गई टैक्स (TAX) कटौती को भी 60 दिनों के लिए बढ़ा दिया है।
अक्टूबर में हुए चुनाव में की थी जीत दर्ज
‘वर्कर्स पार्टी’ (Workers Party) के लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा (Luiz Inácio Lula da Silva) ने पूर्व राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो (Jair Bolsonaro) को अक्टूबर 2022 में हुए चुनाव में हरा दिया था। ब्राजील के निर्वाचन प्राधिकरण ने 1 नवंबर 2022 को जानकारी देते हुए बताया था कि आम चुनाव में पड़े कुल मतों में से लूला डा सिल्वा को 50.90 फीसदी और जायर बोलसोनारो को 49.10 फीसदी मत हासिल हुए थे।
ब्राजील में हए इन चुनावों के साथ ही जायर बोलसोनारो इतिहास में 30 सालों में देश के पहले ऐसे राष्ट्रपति हैं जो दोबारा राष्ट्रपति बनने से चूक गए। इससे पहले 1990 से लेकर अब तक बोलसोनारो से पहले ब्राजील में जितने भी राष्ट्रपति बने उन्हें दोबारा पद के लिए चुना गया था। जायर बोलसोनारो देश के सबसे विवादित राष्ट्रपति भी रहे हैं।
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वे मुद्दे जिनका करना होगा सामना
लूला ने ऐसे समय मे ब्राजील जैसे विकासशील की कमान संभाली है जब देश में बड़े स्तर पर असमानता बढ़ रही है ओर अभी भी कोरोना महामारी से उबरने के लिए संघर्ष कर रहा है। ब्राजील में 2019 से 2021 के बीच लगभग 96 लाख लोग गरीबी रेखा के नीचे आ गए और साक्षरता और स्कूल में उपस्थिति की दर में भी गिरावट देखी गई है। इसके साथ ही लूला को पर्यावरणीय मुद्दों (Environmental Issues) का भी सामना करना पड़ेगा, क्योंकि ब्राजील के अमेजन जगलों (Amazon Forests) में बड़े पैमाने पर हो रही वनों की कटाई भी शामिल है।

अमेजन जंगल का 60 फीसदी से ज्यादा हिस्सा ब्राजील में ही है। अमेजन के जंगल दुनिया की जलवायु का संतुलन बनाए रखने में एक अहम भूमिका निभाते हैं, इसलिए अमेरिका समेत तमाम देश और संगठन ब्राजील पर इन वनों की कटाई को रोकने के लिए लगातार दबाव बना रहे हैं। जंगल में हो रही लगातार आग लगने की घटनाओं, अवैध उत्खनन और पेड़ों की कटाई के चलते ब्राजील को 90 साल के सबसे भीषण सूखे का सामना करना पड़ा था।
बोल्सोनारो देश छोड़कर अमेरिका निकले तो अश्वेत महिला से लिया प्रेसिडेंशियल सैश
ब्राजील के पूर्व राष्ट्रपति बोल्सोनारो नये राष्ट्रपति लूला को कार्यभार देने से पहले ही देश छोड़कर अमेरिका के फलोरिड़ा के लिए निकल गए। वहीं, बोल्सोनारो के देश छोड़कर जाने के कारण लूला ने एक अश्वेत महिला के हाथों से प्रेसिडेंशियल सैश लिया। प्रेसिडेंशियल सैश कपड़े का एक बैंड होता है जिसे कंधे से लेकर कमर तक पहना जाता है, इसे सिर्फ राष्ट्रपति ही पहन सकते हैं।

ब्राजील में जब भी कोई राष्ट्रपति पद छोड़ता है तो आधिकारिक समारोह में इस बैंड को अगले राष्ट्रपति को दे देता है, लेकिन बोल्सोनारो के देश छोड़कर अमेरिका जाने के साथ ही यह लोकतांत्रिक परंपरा भी टूट गई। ब्राजील में 1985 में सैन्य तानाशाही खत्म होने के बाद ऐसा पहली बार देखने को मिला है।
580 दिन जेल में रहे
77 साल के लूला डा सिल्वा ने चुनाव मैदान में भ्रष्टाचार को खत्म करने का अभियान छेड़ा था। चुनाव में उनका कहना था कि उनके पूर्ववर्ती बोल्सोनारो के दौर में भ्रष्टाचार बढ़ा है। वैसे लूला भी राष्ट्रपति रह चुके हैं और उन्हें भ्रष्टाचार के कारण पद छोड़ना पड़ा था। भ्रष्टाचार के आरोपों के सही साबित होने के बाद लूला को 580 दिन जेल में रहे थे।
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