अमेरिका में रहने वाले भारतीयों को ट्रंप प्रशासन ने राहत की सांस दी है। एक लंबे समय से भारतीयों के सर पर रोजी-रोटी का संकट मंडरा रहा था है। ट्रंप प्रशासन ने ये बात साफ कर दी है, कि ऐसे किसी भी प्रस्ताव को पारित नहीं किया जाएगा, जिससे एच-1 बी वीजा धारकों को देश छोड़ने के लिए मजबूर किया जाए। बता दे, काफी समय से एच-1 बी वीजा के नियमों को सख्त करने की योजना बनाई जा रही थी, अगर ऐसा किया जाता तो अमेरिका में नौकरी कर रहे विदेशी नागरिकों समेत करीब 7.5 लाख भारतीयों को अमेरिका को छोड़कर वापस अपने देश में पलायन करने के लिए मजबूर होना पड़ता।

यूएसआईसीएस ने दी राहत

विदेशी लोगों के लिए एच1बी वीजा को जारी करने वाली एजेंसी ‘यूएस सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज’ (यूएससीआईएस) के चीफ रिलेशंस जॉनाथन ने बताया- “यूएसआईसीएस की तरफ से एसी-21 की धारा 104 (सी) जो विदेशी नागरिक को एच1बी वीजा पर 6 साल से ज्यादा रहने की इजाजत देता है उसमें किसी तरह का बदलाव करने के लिए योजना नहीं बनाई जा रही है। अगर ऐसा होता भी तो इस बदलाव के बाद भी एच1बी वीजाधारकों को अमेरिका छोड़ने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता था, क्योंकि नियोक्ता एसी21 की धारा 106 (ए)-(बी) के तहत इसे एक साल आगे बढ़ाने का अनुरोध कर सकता है। ”

अमेरिकी प्रशासन की तरफ से आई घोषणा अमेरिका में रह रहे एच-1 बी वीजाधारक, जो ग्रीन कार्ड का इंतजार कर रहे हैं उनके लिए राहत साबित होगी । अगर वीज़ा कार्यक्रम के तहत उनके वीजा बढ़ाने का प्रस्ताव स्वीकार हो जाता तो वहां से लाखों लोगों को बाहर होने पर मजबूर होना पड़ता।

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