Arunanchal Pradesh: चीन के एक बार फिर अपना चेहरा दिखाया है।पूर्वोतर के राज्य अरुणाचल प्रदेश को चीन ने अपना बताते हुए नक्शे में उलटफेर किया है। यहां के कुछ गांव-कस्बे और स्थानों के नाम बदले हैं। गौरतलब है कि यह तीसरी बार है, जब चीनी सरकार ने अपने यहां अरुणाचल के स्थानों का नया नाम रखकर बाकयदा मैप तैयार किया है।अरुणाचल प्रदेश को चीन अब ‘जंगनान’ कहता है और इस बात का दावा करता है कि यह तिब्बत का दक्षिणी हिस्सा है।
चीन के इस रवैये को देखते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति भवन व्हाइट हाउस ने मंगलवार को कहा कि अमेरिका चीन के प्रयासों का कड़ा विरोध करता है। चीन ने अरुणाचल प्रदेश की 11 जगहों के नाम बदलकर चीनी, तिब्बती और पिनयिन भाषा में रखे जाने को मंजूरी दी है।भारत ने चीन के इस कदम पर सख्त आपत्ति जताते हुए इसे सिरे से खारिज कर दिया है। यूएस ने भी इस हरकत की आलोचना की है।अमेरिका ने कहा कि हम इलाकों का नाम बदलकर क्षेत्र में दावे को आगे बढ़ाने के किसी भी एकतरफा प्रयास का कड़ा विरोध करते हैं।

Arunanchal Pradesh:क्या है पूरा मामला?
Arunanchal Pradesh: मालूम हो कि चीनी मंत्रालय की ओर से बीते रविवार को अपने नक्शे में अरुणाचल प्रदेश के 11 स्थानों के नाम बदलने की घोषणा की गई थी।जिसमें उसने हिमालयी सीमा क्षेत्र के साथ यहां के 2 भूखंडों, 2 आवासीय क्षेत्रों, 5 पर्वत चोटियों, 2 नदियों और 2 अन्य क्षेत्रों के नाम तिब्बती भाषा में रखे। जिस पर भारत की ओर से आपत्ति जताई गई।
इस पूरे मामले में भारत के विरोध को बेमतलब मानते हुए चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा कि भारत को यह बात जान लेनी चाहिए जंगनान (अरुणाचल प्रदेश के लिए चीनी नाम) चीन का हिस्सा है, और इसलिए भारत हमारे आतंरिक मामलों पर बेवजह टीका-टिप्पणी न करे।मालूम हो कि भारत और चीन के बीच करीब 3,440 किलोमीटर लंबी सीमा है, बावजूद इसके चीनी सरकार उसे केवल 2 हजार किलोमीटर लंबी मानती है।
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