चीन के पत्थरबाज सैनिक, चाइना ने वीडियो जारी कर खोल दी अपने ही सैनिकों की पोल, भारत को करना चाहता था बदनाम

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साल 2020 में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों और भारतीय सैनिकों के बीच हुए खूनी संघर्ष का वीडियो चीन ने 2 अगस्त को जारी किया था। चीन ने यह वीडियो अपने सैनिकों को महान दिखाने के लिए जारी किया था ताकि भारत को बदनाम किया जा सके।

इस वीडियो में चीन की पोल खुलती दिख रही है। 45 सेकेंड के वीडियो में दिख रहा है कि चीनी सैनिक किस तरह से भारतीय सैनिकों पर पत्थर से वार कर रहे हैं। उनपर पत्थर फेंक रहे हैं वहीं भारतीय सैनिक बड़ी जाबांजी से चीनियों का सामना कर रहे हैं। उन्हें मुहतोड़ जवाब दे रहे हैं।

इस वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि भारतीय सैनिक चीन की उस निगरानी पोस्ट को धवस्त कर रहे हैं। जिसमें उन्होंने LAC का उल्लंघन किया है। वैसे भी चीन को चोरी से कब्जा करने की आदत है।

चीन द्वारा जारी किए गए वीडियो में दिख रहा है कि गलवान घाटी में जमा देने वाली ठंड में भारतीय जवान चीनियों की धुनाई कर रहे हैं। नदी में खड़े होकर चीनी जवानों का सामना कर रहे हैं।

इस वीडियो में यह भी दिख रहा है कि रात के अंधेरे में चीनी सैनिक किस तरह से धार दार हथियार लेकर भारतियों पर वार करने के लए आतुर हैं लेकिन भारत की सेना है मुहतोड़ जवाब तो देना ही था। वहीं दोनों तरफ से भारी संख्या में चीनी सैनिक खड़े हैं। चीनी सैनिक ऊंचाई वाली जगह पर खड़े हैं और गलवान घाटी में पानी के बीच खड़े भारतीय जवानों पर पत्‍थर बरसा रहे हैं।

बता दे कि यह घटना साल 2020 में 15 जून को हुई थी। चीनी सैनिक जबरन भारतीय सीमा में घूसने का प्रयास कर रहे थे इसी दौरान दोनों देशों के बीच हिंसक झड़प हुई जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे वहीं चीन ने दावा किया था कि उनके पांच जवान मारे गए लेकिन वीडियो में दिख रहा है कि चीन के 40-45 जवानों को भारतीय सैनिकों ने मौत के घाट उतार दिया है।

बता दें, गलवान घाटी में हिंसक झड़प के सच को आठ महीने तक दबाए रखने और गलवान में मारे गए अपने सैनिकों की संख्या को छिपाए रखने के बाद। फरवरी में चीन ने गलवान की हिंसक घटना का अर्धसत्य कबूल किया था। चीनी सैनिकों ने धोखे से घात लगाकर भारत के सैनिकों पर कटीले रॉड से हमला किया था।

भारत सरकार ने सीना तान कर स्वीकार किया कि उनके 20 जवान शहीद हो गए हैं। वहीं चीनी सरकार ने अपने जवानों को शहादत का दर्जा भी नहीं दिया। भारत के जवानों को वीरता पुरस्कार दिया गया था।

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