रविवार की दोपहर दो बजे अनशन पर बैठे मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान का उपवास समाप्त हो गया है। बता दें कि किसान आंदोलन के अहिंसा से हिंसा में बदलते स्वरुप को पुन: अहिंसा के मार्ग पर लाने के लिए मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने गांधीगिरी का रास्ता अपनाया था। शनिवार की सुबह भेल के दशहरा मैदान में सीएम ने प्रदेश सरकार से रूठे किसानों को मनाने एवं हिंसा की आग को शांत करने के लिए अनशन पर बैठें थे। इस दौरान अनशन पर बैठें शिवराज ने कहा,’उनकी एक-एक सांस प्रदेश के जनता की हित में है और वह किसी भी हाल में प्रदेश की जनता के साथ न तो राजनीति करेंगे और न किसी को राजनीति करने देंगे।‘ उन्होंने आगे कहा कि मैं किसानों की पीड़ा को समझता हूं, किसानों से ही बढ़ेगा प्रदेश। जिसके तत्पश्चात उपवास के जवाब में स्वयं आंदोलनकारी किसान उपवास पर बैठ गए थे।

APN Grab 11/06/2017आज बीजेपी के वरिष्ठ नेता कैलाश जोशी और कई किसानों ने मंच पर जाकर सीएम चौहान से अनशन तोड़ने का आग्रह किया जिसके बाद किसानों ने सीएम को नारियल पानी पिलाकर उनका उपवास तोड़वाया। अनशन समाप्त करने के बाद सीएम चौहान ने मंदसौर गोलीकांड में मारे गए किसानों के परिजनों से मुलाकात की इस दौरान उन्होंने अनशन पर बैठे पीड़ित परिवार के उपवास को तोड़वाया। जिसके बाद पीड़ित परिवार के आंखों से आंसू फूट पड़े वहीं दूसरी ओर शिवराज भी भावुक नजर आए। सीएम ने प्रदेश की जनता को संबोधन करते हुए कहा,’जनता प्रदेश में अराजकता फैलाने वालों के खिलाफ सरकार के साथ खड़ी हो उसे खदेड़ने का काम करे और एक बार पुन: एमपी को शांतिप्रिय बनाने में सरकार का सहयोग करे।‘

किसान हित में सीएम चौहान ने की ये घोषणा…

रविवार की दोपहर 2 बजे अनशन तोड़ने के बाद सीएम चौहान ने प्रदेश में शांति बहाल और किसानों के हित में कुछ नई घोषणाएं की। जिसमें स्वामीनाथन आयोग की अनुशंसाओं के आधार पर स्टेट लैंड यूज एडवाइजरी सर्विस बनाने, कृषि उत्पाद लागत एवं विपणन आयोग बनाने, दूध खरीद के लिए अमूल फार्मूला लागू करने और एक हजार करोड़ रुपए का मूल्य स्थिरीकरण कोष स्थापित करने की घोषणा की।