
Mother Teresa’s Missionaries of Charity के बैंक खातों को फ्रीज कर दिया गया है। खबरों के अनुसार केंद्र सरकार के आदेश पर सभी बैंक अकाउंट को फ्रीज किया गया है। क्रिसमस के दौरान सभी खातों में लेनदेन बंद कर दिए गए। हालांकि मिशनरीज ऑफ चैरिटी की तरफ से पूरे मामले पर अभी कुछ भी नहीं कहा गया है। वहीं Mamata Banerjee ने पूरे मामले पर ट्वीट कर नाराजगी जतायी है।
Mother Teresa Missionaries of Charity के बैंक खाते फ्रीज होने पर Mamata Banerjee नाराज
Mother Teresa’s Missionaries of Charity के बैंक खाते फ्रीज किए जाने पर बंगाल की मुख्यमंत्री Mamata Banerjee ने ट्वीट कर पूरे मामले पर नाराजगी जतायी है उन्होंने लिखा है कि यह सुनकर स्तब्ध हूं कि क्रिसमस पर केंद्रीय मंत्रालय ने ऐसा फैसला लिया है। उनके 22,000 रोगियों और कर्मचारियों को भोजन और दवाओं के बिना छोड़ दिया गया है। जबकि कानून सर्वोपरि है, मानवीय प्रयासों से समझौता नहीं किया जाना चाहिए।
CPIM ने भी की निंदा
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने भी केंद्र सरकार के कदम की निंदा की है। CPIM के नेता सुर्जय कांत मिश्रा ने ट्वीट किया है कि क्रिसमस के दिन केंद्र सरकार ने मदर टेरेसा की मिशनरीज ऑफ चैरिटी के सभी बैंक खाते सील कर दिए हैं। सरकार ने भारत में नकदी सहित सभी खातों को फ्रीज कर दिया है। कर्मचारियों सहित उनके 22,000 मरीज बिना भोजन और दवाओं के रह रहे हैं।
Mother Teresa’s Missionaries of Charity क्या है?

Missionaries of Charity की स्थापना 1950 में मदर टेरेसा ने कोलकता में की थी। ये एक रोमन कैथोलिक स्वयंसेवी धार्मिक संगठन है, जो दुनिया के 100 से अधिक देशों में मानव सेवा में योगदान दे रहा है। इसकी 4000 से अधिक शाखाएं हैं। दुनिया भर में इस संस्था को त्याग और सेवा के लिए जाना जाता है। युद्ध पीड़ितों, एड्स तथा कुष्ठ जैसे रोगों से पीड़ितों की सेवा कर के इस संस्था ने एक मिसाल कायम की है।
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