Nitish on mission 2024: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पूर्व सांसद राहुल गांधी से मुलाकात की। यह बैठक कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर हुई। इससे पहले आखिरी बार उनकी मुलाकात 12 अप्रैल को खड़गे और राहुल से हुई थी। इस वक्त उनकी नजर 2024 के लोकसभा चुनावों पर टिकी है और इसी सिलसिले में वे विपक्षी एकता की कवायद में जुटे हैं। पिछले एक महीने के अंदर वह कई विपक्षी नेताओं से मुलाकात कर चुके हैं।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस मुलाकात को लेकर ट्वीट कर इसे लोकतंत्र की मजबूती बताया।
सूत्रों की मानें तो इस मुलाकात में पटना में एक बड़े विपक्षी सम्मेलन को लेकर भी चर्चा की गई। बता दें, कि नीतीश कुमार ने रविवार को दिल्ली सीएम के आवास पर पहुंचकर सीएम अरविंद केजरीवाल से भी मुलाकात की थी। इसके बाद उन्होंने केंद्र के अध्यादेश के मामले में केजरीवाल को पूरा समर्थन देने की बात की थी। दरअसल, दिल्ली में अफसरों के ट्रांसफर और पोस्टिंग को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद केंद्र सरकार जो अध्यादेश लेकर आई है, उसे लेकर अरविंद केजरीवाल ने संसदीय अनुमोदन को रोकने के लिए गैर-बीजेपी दलों के बीच एकता की मांग की है।
विपक्षी दलों के नेताओं से मिल रहे हैं नीतीश
नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव पिछले करीब 40 दिनों में अखिलेश यादव, मल्लिकार्जुन खड़गे, उद्धव ठाकरे, ममता बनर्जी, केसीआर, नवीन पटनायक, एमके स्टालिन, शरद पवार और हरीश रावत जैसे बड़े नेताओं से मिल चुके हैं।
Nitish on mission 2024: विपक्षी मोर्चे में कई तरह की बाधाएं
विपक्षी एकता की ये कवायद कोई नई नहीं है। इससे पहले भी विपक्ष को एकजुट करने की ऐसी तमाम कोशिशें की जा चुकीं हैं जिसका अबतक कोई खासा नतीजा निकलकर सामने नहीं आया है। दरअसल, बीजेपी के खिलाफ मोर्चे में कई तरह की बाधाएं है। कई राज्यों में विपक्षी दल एक दूसरे के खिलाफ खड़े हैं। जिसमें पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश को देख सकते हैं, आखिर सवाल यही है कि इस मोर्चे का नेतृत्व कौन करेगा?
विपक्षी नेताओं का ये भी मानना है कि बीजेपी के खिलाफ विरोधी दलों के पास एकजुट होने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है। बीजेपी के खिलाफ मोर्चेबंदी को लेकर विपक्ष को उस वक्त भी बड़ा झटका लगा था जब ममता बनर्जी ने ये घोषणा कर दी थी कि 2024 का लोकसभा चुनाव वे अकेली लड़ेंगी। हालांकि इसके कुछ दिन बाद उन्होने कहा था कि टीएमसी उन सीटों पर कांग्रेस को समर्थन देगी जहां वह मजबूल है। कुल मिलाकर विपक्षी एकता की ये डगर अभी कांटों से भरी दिखाई पड़ती है।
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