आमतौर पर यातायात व्यवस्था की देखरेख का दारोमदार ट्रैफिक पुलिस पर होता है लेकिन मध्यप्रदेश के इंदौर में एक अजीब नज़ारा देखने को मिला। दरअसल, इंदौर ट्रैफिक पुलिस ने रविवार की शाम बर्फानी धाम (रिंग रोड) चौराहे पर रोबोट द्वारा यातायात को नियंत्रित किया। इस नए तरह के प्रयोग से चौराहे से निकलने वाले लोग हैरान थे। ट्रैफिक सिग्नल न होते हुए भी यह रोबोट पूरी तरह से यातायात व्यवस्था को संभाल रहा था। असल में यह इंदौर ट्रैफिक पुलिस का ट्रायल था जोकि सफल भी रहा।
डीएसपी (ट्रैफिक) प्रदीप सिंह चौहान की मानें तो एक निजी इंजीनियरिंग कॉलेज ने इस रोबोट को बनाया है। इस रोबोट को ड़ेढ साल की कड़ी मेहनत के बाद बनाया गया है। एक बार सैट करने के बाद यह रोबोट अपने आप यातायात को नियंत्रित करने में सक्षम है।
यह रोबोट यातायात को नियंत्रित करने के लिए समस्त जरूरी उपकरणों से लैस है। जिन्हें आरएलवीडी (रेड लाइट वायलेशन डिटेक्शन सिस्टम) से अटैच किया जा सकेगा। जिससे यातायात के नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कार्यवाही करने में आसानी होगी। इनके प्रयोग से पुलिस की आवश्यकता नही होगी लेकिन इन्हें नियंत्रित करने के लिए दो इंजीनियरों की जरूरत जरूर पड़ेगी।
जानें यह रोबोट क्यों हैं खास
- इसे बनाने के लिए 500 किलो लोहे का प्रयोग किया गया है।
- इसका ऊपरी हिस्सा घूमता रहता है, जिससे यह चारों तरफ नजर रख सकता है।
- यह रोबोट टाइमर और कैमरों जैसे उपकरणों से लैस है।
- इसकी भुजाएं ट्रैफिक के हिसाब से खुद एडजस्ट होती हैं।
- इसे वाईफाई से जोड़कर कैमरों का व्यू लैपटॉप, टेबलेट और आरएलवीडी सिस्टम से देखा जा सकता है।
- एक बार इंस्टाल करने के बाद इसे हटाया भी जा सकता है और दूसरे स्थान पर ले जाया जा सकता है।
- अभी यह 12 वॉट के बिजली कनेक्शन से चलता है।
- भविष्य में इसे सोलर सिस्टम से अपडेट कर दिया जाएगा।