MCD: स्थायी समिति के सदस्यों का चुनाव करने में विफल रहने पर एमसीडी हाउस बुधवार से शुक्रवार के बीच करीब 15 बार स्थगित किया गया। अधिकारियों के मुताबिक, इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब एमसीडी हाउस रात भर खुला रहा। सदन को अंततः शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया। शुक्रवार को एक बार फिर से सदन में स्थाई समिति के सदस्यों का चुनाव हुआ। मतों की गिनती के दौरान एक बार फिर से हंगामा शुरू हो गया। AAP-BJP के पार्षद एक दूसरे पर जमकर लात-घूसे बरसाते रहे। सदन की गरिमा तार-तार होती रही। महिलाओं के बाल खींचे गए। हंगामे के चलते स्टैंडिंग कमेटी के लिए होने वाला चुनाव एक बार फिर से टाला जा चुका है और अब ये चुनाव संभवतः सोमवार 27 फरवरी को होगा। एमसीडी में काफी दिनों से चल रहे हंगामे के बीच आपके मन में प्रश्न होगा कि आखिर एमसीडी सदन में बार-बार मारपीट क्यों हो रही है? तो आइये यहां हम सभी संभावित कारणों के बारे में बताते हैं:
80 दिन से उलझा हुआ है MCD
बता दें कि 7 दिसंबर 2022 को एमसीडी चुनाव के नतीजे घोषित हुए थे, जिसके बाद से अब-तक लगभग 80 दिन हो गए हैं, लेकिन एमसीडी का विवाद सुलझ नहीं रहा है। सदन के कुछ प्रमुख पदों और सदस्यों का चुनाव होना बाकी है। मेयर के लिए भी चार प्रयास हुए थे। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के आदेश से दिल्ली को मेयर मिला। लेकिन मामला फंसा है स्थाई समिति के सदस्यों को लेकर।

अब तक क्या-क्या हुआ है? 5 प्वाइंट्स
- बता दें कि स्थायी समिति के चुनाव में सात प्रत्याशी हैं। AAP ने मोहिनी जीनवाल,आमिल मलिक, रमिंदर कौर और सारिका चौधरी को उम्मीदवार बनाया है। बीजेपी की ओर से कमलजीत सहरावत और पंकज लूथरा मैदान में हैं। वहीं बीजेपी में शामिल हुए निर्दलीय पार्षद गजेंद्र सिंह दराल भी प्रत्याशी हैं। यहीं मामला फंसा भी है। दरअसल, स्टैंडिंग कमेटी के छह सीटों पर चुनाव होने हैं और उम्मीदवार है सात। ऐसे में एक उम्मीदवार की हार पहले से तय है।
- हालांकि, बीजेपी को अपने पार्षदों को जिताने के लिए जितने वोट चाहिए उससे तीन कम वोट थे, पर पार्टी ने तीन वोट कहीं से मैनेज कर लिए हैं। अगर ऐसा ही रहा तो आम आदमी पार्टी को स्टैंडिंग कमेटी में एक सीट पर हार का सामना करना पड़ सकता है। आम आदमी पार्टी चाहती नहीं कि स्टैंडिग कमेटी में उसको भाजपा के साथ 3-3 सीट साझा करनी पड़े। AAP चाह रही है कि स्टैंडिंग कमेटी में भी उसका वर्चस्व रहे, ताकि वह जो भी प्रस्ताव लाए उसे पास होने में कोई परेशानी न हो।
- बता दें कि दो महीने की देरी के बाद इस सप्ताह की शुरुआत में शैली ओबरॉय मेयर चुनी गईं। जब से सदन में स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव के बाद गिनती शुरू होती है तो हंगामा शुरू हो जाता है। स्थायी समिति के चुनाव की मतगणना में लगातार गतिरोध बना रहा है। कभी मोबाइल फोन को लेकर तो कभी अवैध वोटों को लेकर, दोनों पक्ष एक-दूसरे पर आरोप लगाते रहे और हाथापाई भी करते रहे।
- अब बीजेपी नेता हरीश खुराना ने कहा कि बीजेपी मेयर के फैसले के खिलाफ कोर्ट जाएगी। चुनाव आयोग की कमेटी ने जब चुनाव की रिपोर्ट मेयर को दे दी तो फिर मेयर को चुनाव नल एंड वायड करने का अधिकार नहीं है।
- शैली ओबेरॉय के फैसले के खिलाफ रैली करते हुए, भाजपा पार्षद अपना विरोध दर्ज कर रहे हैं हालांकि, ओबेरॉय ने कहा कि वह किसी का अपमान नहीं करना चाहती हैं क्योंकि सभी निर्वाचित नेता हैं और सदन की गरिमा बनाए रखना चाहती हैं। जिसके बाद भाजपा पार्षदों ने चुनाव शुरू होने दिया, लेकिन अगले तीस मिनट में विपक्षी दल की नारेबाजी के कारण सदन को पहली बार स्थगित करना पड़ा। भाजपा की वरिष्ठ पार्षद शिखा राय ने आरोप लगाया कि आप नेता गुप्त मतदान प्रावधान के उद्देश्य को विफल करते हुए अपने मतपत्रों की तस्वीरें क्लिक करने के लिए अपने फोन का उपयोग कर रहे हैं। भाजपा नेताओं ने कहा कि यह एमसीडी में लोकतांत्रिक व्यवस्था का मजाक है।
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