West Bengal Budget 2023: पश्चिम बंगाल की वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य राज्य विधानसभा में राज्य का बजट पेश कर रही हैं। आय-व्यय का संतुलन बनाए रखना इस बार राज्य के बजट का मुख्य मुद्दा है। चंद्रिमा भट्टाचार्य उन्हीं को ध्यान में रखते हुए विधानसभा में 2023 का वित्तीय बजट पेश कर रही हैं। बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा, “मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पहल ने एक ऐसी सरकार बनाई है जो लोगों के प्रति संवेदनशील है। पश्चिम बंगाल सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए डीए में 3% की बढ़ोतरी की है। वित्त मंत्री ने 2023-24 के लिए 3.39 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया है। राज्य में पंचायत चुनाव से पहले क्या हैं सरप्राइज? किस सेक्टर में कितना आवंटन? यहां एक नजर में पढ़ें राज्य के बजट की मुख्य बातें:
West Bengal Budget 2023: बजट की मुख्य बातें:
- हमारी सरकार ने लगातार लोगों के लिए एक जिम्मेदार, संवेदनशील, व्यापक प्रशासनिक व्यवस्था विकसित की है। दुआरे सरकार प्रोजेक्ट के जरिए हम करोड़ों लोगों तक पहुंच पाए हैं। सूचना और प्रौद्योगिकी आधारित कार्यक्रमों की पूरी दुनिया में सराहना हो रही है।
- अब तक सरकार की ओर से दुआरे में पांच चरणों में 3.71 लाख शिविर लग चुके हैं। इन शिविरों में भाग लेकर 06 करोड़ लोग लाभान्वित हुए हैं। इस परियोजना की सफलता के लिए हमें माननीय राष्ट्रपति से प्लेटिनम पुरस्कार मिला है।
- पिछले 2 वर्षों में हमने कोविड की स्थिति और विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं के बावजूद विकास किया है। 2022-23 की पहली छमाही में भारत की राजकोषीय वृद्धि 6.95 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। इसी अवधि में बंगाल में वित्तीय वृद्धि 8.41 प्रतिशत रहने की उम्मीद है।
- राज्य स्वयं सहायता समूहों को ऋण के मामले में, एमएसएमई क्षेत्र ने कौशल विकास, ग्रामीण सड़क विकास, ग्रामीण आवास निर्माण, अल्पसंख्यक विकास, ई-गवर्नेंस आदि में अपना शीर्ष स्थान बनाए रखा है।
- जहां हमारा राज्य आगे बढ़ने के प्रति आशान्वित है, वहीं हमारा देश दूरदर्शिता के अभाव और केंद्र सरकार की गलत नीतियों के कारण गंभीर संकट का सामना कर रहा है। बेकाबू महंगाई, डीजल, पेट्रोल, राशन, खाद्य सामग्री सहित अन्य आवश्यक वस्तुओं की आसमान छूती कीमतों से देश की जनता बिलख रही है।
- केंद्र सरकार की गलत राजकोषीय नीति, नोटबंदी और बिना तैयारी के जीएसटी लागू करना देश के संघीय ढांचे को नष्ट कर रहा है।
- हमने राजस्व संबंधी मामलों में विभिन्न मजबूत प्रशासनिक प्रणालियां भी शुरू की हैं। पिछले कुछ वर्षों में राज्य के अपने राजस्व संग्रह में लगातार वृद्धि हुई है। हमारा राजस्व मुख्य रूप से जीएसटी, बिक्री कर, स्टांप शुल्क, कृषि, भूमि राजस्व, परिवहन से आता है। राज्यों द्वारा जीएसटी रिटर्न का 100 फीसदी जमा करने की विशेष नीति अपनाने से इस वित्त वर्ष में रिटर्न 70 से बढ़कर 95 फीसदी हो गया है जो राष्ट्रीय औसत से काफी अधिक है।
- पिछले वित्त वर्ष में जीएसटी रेवेन्यू ग्रोथ 23 फीसदी रही है। इस साल जनवरी तक जीएसटी संचयी वृद्धि दर 24.46 प्रतिशत पर पहुंच गई। जो अखिल भारतीय औसत से काफी अधिक है।
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