उत्तराखंड सरकार (Uttarakhand Government) ने उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों को नया साल का तोहफा दिया है। आंदोलनकारियों की पेंशन में एक हजार रुपये से 1400 रुपये प्रतिमाह की वृद्धि की गई है। अब राज्य आंदोलनकारियों को 4500 रुपये और 6000 रुपये प्रतिमाह पेंशन मिलेगी। सरकार की घोषणा के बाद शासन ने पेंशन बढ़ाने का शासनादेश जारी कर दिया है।
7200 आंदोलनकारियों को मिलेगा लाभ
पेंशन को लेकर शुक्रवार को गृह अपर सचिव रिद्धिम अग्रवाल ने अलग-अलग आदेश जारी किए। उत्तराखंड राज्य आंदोलन के दौरान सात दिन जेल गए अथवा घायल हुए आंदोलनकारियों को प्रतिमाह 5000 रुपये पेंशन स्वीकृत की गई थी। अब इसे एक हजार बढ़ाकर 6000 रुपये किया गया है। अन्य आदेश सात दिन जेल अथवा घायल हुए आंदोलनकारियों की श्रेणी से अलग राज्य आंदोलनकारियों के लिए प्रतिमाह 3100 रुपये पेंशन लागू की गई थी।
इस पेंशन राशि में 1400 रुपये की वृद्धि की गई है। इन राज्य आंदोलनकारियों को अब प्रतिमाह 4500 रुपये बतौर पेंशन मिलेंगे। सरकार के इस निर्णय से राज्य में 7200 से ज्यादा राज्य आंदोलनकारियों को लाभ मिलेगा।
राज्य आंदोलनकारी काफी समय से पेंशन बढ़ाने की मांग कर रहे थे। बता दें कि राज्य स्थापना दिवस पर देहरादून स्थित पुलिस लाइन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य आंदोलनकारियों की पेंशन बढ़ाने की घोषणा की थी।
चुनाव है पास
राज्य आंदोलन के दौरान सात दिन जेल गए एवं घायल आंदोलनकारियों की संख्या 344 है। जो सरकार से पांच हजार रुपये हर महीने पेंशन पा रहे हैं, इन्हें अब छह हजार रुपये मिलेंगे। इनके अलावा 3100 रुपये पेंशन पा रहे राज्य आंदोलनकारियों की संख्या 6821 है, इन्हें अब 4500 रुपये पेंशन मिलेगी।
बता दें कि सरकार के इस फैसले को 2022 में होने वाले चुनाव से जोड़ कर देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि चुनाव को ध्यान में रखते हुए सरकार ने राज्य आंदोलनकारियों की मांगों को स्वीकार कर लिया है। आंदोलनकारी काफी समय से पेंशन में वृद्धि की मांग कर रहे थे।
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