Supreme Court ने महाराष्ट्र विधानसभा से बीजेपी के 12 विधायकों को एक साल के लिए निलंबित (Maharashta 12 MLA Suspension) करने के मामले में फैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र विधानसभा से 12 भाजपा विधायकों के एक साल के निलंबन को असंवैधानिक बताते हुए रद्द कर दिया है। बता दें कि पीठासीन अधिकारी के साथ कथित रूप से दुर्व्यवहार करने के आरोप में विधायकों को एक साल के लिए निलंबित कर दिया गया था।
Supreme Court: क्या है पूरा मामला?
गौरतलब है कि पिछले साल जुलाई में महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष के कक्ष में पीठासीन अधिकारी भास्कर जाधव के साथ ‘दुर्व्यवहार’ करने के आरोप में बीजेपी के 12 विधायकों को विधानसभा से एक साल के लिए निलंबित कर दिया गया था। राज्य के संसदीय कार्य मंत्री अनिल परब ने विधायकों को निलंबित करने का प्रस्ताव पेश किया, जिसे ध्वनि मत से पारित कर दिया गया था। इसके बाद इन विधायकों ने निलंबन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
इन विधायकों को किया गया है निलंबित
जिन 12 विधायकों को निलंबित किया गया था, उनमें संजय कुटे, आशीष शेलार, अभिमन्यु पवार, गिरीश महाजन, अतुल भटकलकर, पराग अलवानी, हरीश पिंपले, योगेश सागर, जय कुमार रावत, नारायण कुचे, राम सतपुते और बंटी भांगड़िया शामिल हैं। इन 12 विधायकों को निलंबन की अवधि के दौरान मुंबई और नागपुर में विधानमंडल परिसर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं मिली है।
बता दें कि अदालत में निलंबित विधायकों की तरफ से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी, महेश जेठमलानी और सिद्धार्थ भटनागर अपनी दलीलें दीं । वहीं, महाराष्ट्र सरकार की तरफ से वरिष्ठ वकील सीए सुंदरम कोर्ट में उपस्थित थे।
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