ममता के मंत्री Partha Chatterjee के घर ED की रेड, SSC Scam से जुड़ा है मामला

SC Scam: सीबीआई ने पिछले हफ्ते पश्चिम बंगाल के शिक्षा सचिव मनीष जैन से कथित घोटाले के सिलसिले में पूछताछ की थी।

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SC Scam: Partha Chatterjee
SC Scam: Partha Chatterjee

SSC Scam: प्रवर्तन निदेशालय ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी के कोलकाता स्थित आवास पर छापेमारी की। दरअसल, स्कूल सेवा आयोग (SSC) के माध्यम से सरकारी स्कूलों में शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती में कथित अनियमितताओं की जांच के तहत टीएमसी नेता के घर पर तलाशी ली गई है। बताया गया है कि जब कथित अवैध भर्तियां की गईं तब तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता शिक्षा मंत्री थे।

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ममता के मंत्री Partha Chatterjee के घर ED की रेड

SSC Scam: CBI ने भी दो बार की थी पूछताछ

गौरतबल है कि चटर्जी से सीबीआई ने SSC भर्ती घोटाले में उनकी जांच के संबंध में मई में दो बार पूछताछ की थी।
इससे पहले सीबीआई ने चटर्जी को तलब किया था, जब कलकत्ता उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने एकल पीठ के आदेश को बरकरार रखा था जिसमें केंद्रीय जांच एजेंसी को कथित अवैध नियुक्तियों की जांच करने का निर्देश दिया गया था।

मंत्री पार्थ चटर्जी से पहले मनीष जैन से पूछताछ

बता दें कि सीबीआई ने पिछले हफ्ते पश्चिम बंगाल के शिक्षा सचिव मनीष जैन से कथित घोटाले के सिलसिले में पूछताछ की थी। स्कूलों में शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की लंबित भर्तियों की निगरानी के लिए नवंबर, 2019 में पश्चिम बंगाल स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा गठित सलाहकार पैनल के सदस्यों से भी सीबीआई ने पहले पूछताछ की थी।

SSC Scam क्या है?

सीबीआई कई मामलों की जांच कर रही है जहां पश्चिम बंगाल राज्य में शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को कथित तौर पर पश्चिम बंगाल केंद्रीय विद्यालय सेवा आयोग (एसएससी) की सिफारिशों के बाद स्कूलों में अवैध रूप से नियुक्त किया गया था। पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला, जिसे आमतौर पर एसएससी घोटाले के रूप में जाना जाता है, 2014 से 2016 तक एसएससी द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय चयन परीक्षा (SLT) के माध्यम से आयोजित भर्ती प्रक्रिया से जुड़ा है। राज्य स्तरीय चयन परीक्षा (SLST) के लिए उपस्थित उम्मीदवारों ने आरोप लगाया था कि कम अंक प्राप्त करने वाले कई उम्मीदवारों ने मेरिट सूची में उच्च रैंक प्राप्त किया इतना ही नहीं जो उम्मीदवार मेरिट सूची में नहीं थे, उन्हें भी नियुक्ति पत्र भेजा गया था।

इसके अलावा, वर्ष 2016 में, पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के तहत माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में ग्रुप सी और ग्रुप डी के कर्मचारियों की भर्ती के संबंध में भ्रष्टाचार के कई आरोप सामने आए। यह मामला इस साल मार्च में तब सामने आया था जब राज्य के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी पाई गई थी।

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