Maharashtra Political Crisis: संजय राउत ने बागी विधायकों को दिया ऑफर, कहा- MVA से बाहर आने को तैयार शिवसेना

Maharashtra Political Crisis: संजय राउत ने कहा कि एकनाथ शिंदे पार्टी और सरकार के हर फैसले का हिस्सा थे। पार्टी और राज्य मंत्रिमंडल में उन्हें महत्वपूर्ण पद दिए गए ताकि वे नेताओं और कार्यकर्ताओं को एक साथ रख सकें।

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Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र में सियासी ड्रामे के बीच एकनाथ शिंदे का गुट लगातार मजबूत होता जा रहा है। अब शिंदे ने दावा किया है कि निर्दलीय सहित अब उनके समर्थन में कुल 45 विधायक हैं। वहीं इस घटनाक्रम के बाद से उद्धव ठाकरे नरम पड़ते दिखाई दे रहे हैं। दरअसल, उद्धव ठाकरे के वफादार संजय राउत ने यहां तक कह दिया है कि अगर सभी विधायक कहेंगे तो महाविकास अघाड़ी से निकलने पर भी विचार किया जा सकता है।

वहीं कल देर रात महाराष्ट्र के सीएम ने सीएम आवास छोड़कर अपने आवास मातोश्री पहुंच गए हैं। अब इस सियासी उठापटक के बीच संजय राउत का बयान आया है। उन्होंने कहा कि बागी विधायकों को गुवाहाटी से बयान नहीं देना चाहिए, वो मुंबई आकर सीधे सामने बातचीत करें। अगर सभी विधायक चाहेंगे तो हम महाविकास अघाड़ी गठबंधन से बाहर आने के बारे में सोचेंगे लेकिन उन्हें यहां सीएम के पास आकर बातचीत करना होगा।

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Maharashtra Political Crisis: संजय राउत

Maharashtra Political Crisis: संजय राउत की चुनौती

विद्रोहियों के बारे में राउत ने कहा कि वे सभी हमारे दोस्त हैं। हम नहीं जानते कि उनकी मजबूरियां क्या हैं। पार्टी और राज्य उद्धव ठाकरे के साथ हैं। सिर्फ इसलिए कि कुछ विधायक चले गए हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि पार्टी चली गई है। उन्होंने उद्धव ठाकरे के पिता, पार्टी संस्थापक बाल ठाकरे का जिक्र करते हुए कहा कि बाला साहेब ठाकरे के समय में भी बहुत से लोगों ने पार्टी छोड़ी थी। हमने पार्टी का पुनर्निर्माण किया और इसे सत्ता में भी लाया। और अब उद्धव और मेरी ओर से यह एक खुली चुनौती है, कि हम फिर से पार्टी का पुनर्निर्माण करेंगे, और हम फिर से सत्ता में आएंगे।

Maharashtra Political Crisis Updates
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शिंदे पार्टी और सरकार के हर फैसले का हिस्सा थे: संजय राउत

संजय राउत ने कहा कि एकनाथ शिंदे पार्टी और सरकार के हर फैसले का हिस्सा थे। पार्टी और राज्य मंत्रिमंडल में उन्हें महत्वपूर्ण पद दिए गए ताकि वे नेताओं और कार्यकर्ताओं को एक साथ रख सकें। वे अकेले सब कुछ नहीं कर सकते थे, यह एक सामूहिक जिम्मेदारी थी। अपने कर्तव्य को करने के बजाय उन्होंने पार्टी में विभाजन की नीति चुनी।

उन्होंने कहा कि वह ठाकरे के इस रुख को दोहराएंगे कि जो कोई भी छोड़ना चाहता है,लेकिन जा सकता है और फिर से चुनाव जीत सकता है। यह भूमि शिवसेना और बालासाहेब की है… हम फिर से फीनिक्स की तरह उठेंगे और ऊंची उड़ान भरेंगे। हमने पिछले 56 वर्षों में कई संघर्ष देखे हैं। इससे बुरा क्या हो सकता है?

राउत ने कहा कि शायद हम सरकार खो देंगे, सत्ता खो देंगे, मंत्री पद खो देंगे – राजनीति में और क्या हो सकता है? आप हमारे खिलाफ ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) और सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) का दुरुपयोग करेंगे, हमें जेल में डाल देंगे? क्या आप हमें गोली मार देंगे? हमने सब कुछ देखा है और हमें किसी चीज का डर नहीं है।

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