Sanjay Raut:महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल तब मच गई जब यह कहा जाने लगा कि एनसीपी नेता अजित पवार बीजेपी में जाने वाले हैं। हालांकि, इस पर अजित पवार ने अपनी सहमती नहीं दिखाई। वहीं, शरद पवार ने कहा था कि अगर अजित बीजेपी में जाते हैं तो वे(अजित पवार) राजनीतिक आत्महत्या कहलाएगा। हालांकि, इस पर संजय राउत ने उद्धव गुट की पत्रिका ‘सामना’में भी बात लिखी जिसके कारण अजित पवार ने संजय राउत को एनसीपी का प्रवक्ता तक कह दिया था। अब इस पर संजय राउत का बयान आया है और उन्होंने कहा है कि वे किसी के बाप से नहीं डरते हैं।
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Sanjay Raut:मैंने सामना में लिखी सच्चाई- संजय राउत
संजय राउत राज्यसभा सांसद के साथ ‘सामना’ पत्रिका के संपादक भी हैं। वे इस पत्रिका के लिए लगातार लिखते हैं और उनके लेख कई बार सुर्खियों में होते हैं। एक बार फिर से अपनी लेखनी के कारण संजय राउत चर्चा में है। उन्होंने कहा,”मैंने सामना में सच्चाई लिखी जिसके कारण एनसीपी में बीजेपी का ऑपरेशन लोटस फेल हो गया है। मेरी लिखी सच्चाई अजित पवार को चुभ क्यों रही है?”
राउत ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा,”आज एनसीपी के कई नेताओं पर केंद्रीय जांच एजेसियों का दबाव है और बीजेपी इसी दबाव के कारण एनसीपी को तोड़ने में जुटी है। जब शिवसेना टूटी थी तो अजित पवार और उनकी पार्टी ने खूब वकालत की थी। अब मैं कह रहा हूं तो अजित पवार को बुरा क्यों लग रहा है? मैं महा विकास अखाड़ी(MVA) का चौकीदार हूं और ये मेरी जिम्मेदारी है कि इसमें शामिल सभी पार्टियां एक साथ रहें।”
‘सामना’ में लिखे गए अपने लेख को लेकर संजय राउत ने कहा,”मैं सामना में लिखता रहूंगा। मैं किसी के बाप से नहीं डरता।”
सामना के लेख पर क्या बोले थे अजित पवार?
दरअसल, अजित पवार के बीजेपी में जाने की खबरों के बीच संजय राउत ने सामना में अपनी बात लिखी थी। उन्होंने लिखा था,”अजित पवार समेत एनसीपी नेताओं को ईडी की जांच और जेल जाने का डर बीजेपी दिखा रही है। जरंडेश्वर चीनी मिल की ईडी जांच में दायर चार्जशीट में अजित पवार का नाम नहीं आया, यह दबावतंत्र की राजनीति है।”
वहीं, संजय राउत के इस लेख पर अजित पवार ने अपनी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने राउत का नाम लिए बिना कहा था,”कुछ लोग दूसरे दल के होते हुए एनसीपी के प्रवक्ता बन रहे हैं। उनसे यही कहना है कि अपने दल की बात करें।”
इस पर संजय राउत ने यह भी कहा था,”अजित पवार मेरी विश्वसनीयता पर सवाल खड़े नहीं कर सकते। सिर्फ शरद पवार कर सकते हैं।”
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