Bihar News: समता पार्टी के अध्यक्ष उदय मंडल ने राज्यपाल से मुलाकात कर बिहार के शिक्षा मंत्री को बर्खास्त करने की मांग की है। उनका कहना है कि राज्य के शिक्षा मंत्री ने बिहार की शिक्षा व्यवस्था को चौपट करने का काम किया है। उन्होनें कहा, वे युवाओं से उनकी नौकरियां छीनकर दूसरे राज्यों के लोगों को देने पर तुले हुए हैं।
मंडल ने कहा, जिस शिक्षा मंत्री की जिम्मेदारी शिक्षा के स्तर को ऊपर उठाने की होती है, वही शिक्षा मंत्री शिक्षा के गिरते स्तर की बात कर दूसरे राज्यों के लोगों को नौकरियां देने की वकालत कर रहा है। ऐसे शिक्षा मंत्री को पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है और राज्यपाल को चाहिए कि वह तत्काल ऐसे शिक्षा मंत्री को बर्खास्त करें।
Bihar News: “शिक्षा मंत्री को तत्काल करें बर्खास्त” -उदय मंडल
उदय मंडल ने कहा कि जिस शिक्षा मंत्री की जिम्मेदारी शिक्षा के स्तर को ऊपर उठाने की होती है, वही शिक्षा मंत्री शिक्षा के गिरते स्तर की बात कर दूसरे राज्यों के लोगों को नौकरियां देने की वकालत कर रहा है। ऐसे शिक्षा मंत्री को पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है और राज्यपाल को चाहिए कि वह तत्काल ऐसे शिक्षा मंत्री को बर्खास्त करें।
मुलाकात के दौरान राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर को सौंपे एक ज्ञापन में उन्होनें ने कहा है कि बिहार शिक्षक भर्ती में डोमिसाइल नीति को हटाना पूरी तरह से बिहार के युवाओं के साथ अन्याय है। सरकार को बिहार में डोमिसाइल नीति पुनः लागू करनी चाहिए।
उदय मंडल ने बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के बयान पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि बिहार में योग्य शिक्षकों की नहीं, बल्कि योग्य नेताओं की कमी है। बिहार की वर्तमान सरकार बिहार के युवाओं के भविष्य के साथ खिलावड कर रही है। वैसे भी बिहार में नौकरियों की कमी है और बेरोजगारी में अपने चरम पर है। ऐसे में बिहार के युवाओं का हक मारकर दूसरे राज्यों के युवाओं को नौकरियां देना बिहार के युवाओं के सपनों को कुचलने का काम है।
मंडल ने आशंका जताई कि संभव है वर्तमान सरकार दूसरे राज्यों में रह रहे अपने रिश्तेदारों और उनके करीबियों को राज्य में नौकरियां देना चाह रही हो और इसीलिए एक षड़यंत्र के तहत यह साजिश रच कर बिहार के बच्चों को बदनाम किया जा रहा हो, उनमे प्रतिभा की कमी की बात फैलाई जा रही हो।
समता पार्टी अध्यक्ष ने कहा कि बिहार में सबसे प्रतिभावान युवा है लेकिन शिक्षा मंत्री को उनमें कमी दिखाई देती है, उनमे प्रतिभा नहीं दिखती है, जबकि नौवीं फेल तेजस्वी यादव में मुख्यमंत्री की योग्यता दिखाई देती है। बजा दें, पार्टी प्रमुख ने यह आशंका भी जताई कि शायद सरकार नही चाहती है कि शिक्षकों की भर्ती हो। इसलिए आए दिन तरह तरह के नियम बना कर मामले को टालने का प्रयास कर रही है।
यह भी पढ़ें: