Saharanpur: संघ प्रमुख मोहन भागवत ने सहारनपुर के सरसावा में श्रीकृष्ण ज्ञान मंदिर के भूमि पूजन कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि पूरी दुनिया का धर्म एक है, जबकि पंथ और संप्रदाय अलग हो सकते हैं। धर्म सभी को जोड़कर रखता हैं। धर्म शाश्वत है। इसका अंत तभी होगा जब सृष्टि समाप्त होगी। उन्होंने कहा, संत भी अलग-अलग संप्रदाय के होते हैं, लेकिन अंदर से सब एक हैं। अंदर और बाहर से पवित्रता जरूरी हैं। संतों के साथ से लाभ की प्राप्ति होती है।
Saharanpur: हमारी किसी से दुश्मनी नहीं -संघ प्रमुख
संघ प्रमुख ने कहा कि भागवत गीता में भारत के जीवन का निचोड़ है। जिसमें कहा गया है कि कुशलता पूर्वक काम करो। जो भी करो उत्तम करो। जीवन में किसी भी स्थिति से भागना नहीं है। डटकर मुकाबला करना है। स्थिति बदलती रहती है। हम धर्म की रक्षा करेंगे तो धर्म हमारी रक्षा करता है। प्रकृति के साथ मानवता चले यह भारत का कर्तव्य है। सृष्टि को धर्म की आवश्यकता है। हमारी किसी से दुश्मनी नहीं है। सभी से हम दोस्ती का भाव लेकर चलते हैं। इससे पूर्व आचार्य अमरावती बाबा ने कहा कि देवबंद में भी हम श्री कृष्ण मंदिर का निर्माण करेंगे।
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