‘कोई मरा मरा बोलता है तो कोई राम राम’, रामचरितमानस विवाद पर बोले CM भूपेश बघेल

बिहार के शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर ने रामचरितमानस को नफरत फैलाने वाला बताया था।

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Ramcharitmanas Row: छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल
Ramcharitmanas Row: छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल

Ramcharitmanas Row: यूपी से समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस को लेकर एक बयान दिया था, जिसके बाद से प्रदेश ही नहीं बल्कि देश की राजनीतिक गलियारों में उनका विरोध शुरू हो गया। यह विरोध बीजेपी समेत अन्य राजनीतिक पार्टियों के साथ हिन्दू संगठनों ने भी किया। अब इस विवाद पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि धर्म ग्रंथों के मूल तत्वों को समझना होगा। उन्होंने कहा कि कोई मरा मरा बोलता है तो कोई राम राम बोलता है।

Ramcharitmanas Row: छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल
Ramcharitmanas Row: छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल

Ramcharitmanas Row: धर्मग्रंथों पर वाद-विवाद करना गलत है- सीएम बघेल

रामचरितमानस को लेकर देश में सियासत तेज हो गई है। इस मुद्दे पर विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के नेता अपने-अपने बयान दे रहे हैं। वहीं, छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने भी इस पर अपनी बात कही है। सीएम बघेल ने कहा “राम को आप जिस रूप में देखिए। मरा मरा बोलते हैं तो आखिरकार राम राम बोल ही लेते हैं। कोई मरा मरा बोलता है कोई राम राम बोलता है। क्या अंतर पड़ता है? आप किसी नाम से उसे जपे।” सीएम ने रामायण पर भी अपनी बातें कही। उन्होंने कहा “रामायण तो बहुत पहले लिखा गया था। देश में कई भाषाओं में रामायण लिखी गई है। तो वह जैसे लिखा गया है वैसे ही आपको आज की परिस्थिति में स्वीकार करने की आवश्यकता नहीं है। जो उसके(धर्मग्रंथ) मूल तत्व हैं उसकी विवेचना करिए और जो सूक्ष्म तत्व है उसको ग्रहण करिए, जो आज आपके लिए जरूरी है।”

सीएम ने आगे कहा “ये जो वाद विवाद कर रहे हैं, वह गलत है। आप रामायण में जो अच्छी चीजें हैं उसे ग्रहण कर लीजिए। दो-चार चौपाई से ग्रंथ को कोई फर्क नहीं पड़ता। उसके मूल तत्व को समझना आज के समय में जरूरी है। हर बात हर एक व्यक्ति के लिए सही नहीं हो सकती।”

कैसे शुरू हुआ था रामचरितमानस पर विवाद?

आपको बता दें कि रामचरितमानस पर विवाद बिहार से शुरू हुआ था। दरअसल, बिहार के शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर ने रामचरितमानस को नफरत फैलाने वाला बताया था। उन्होंने यह बयान एक दीक्षांत समारोह के उपरांत दी थी। उसके बाद सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस को बकवास बता दिया था। उन्होंने इसके कुछ चौपाइयों पर आपत्ती जताते हुए इस धार्मिक पुस्तक को बैन कराने तक की मांग कर दी थी। वहीं, स्वामी प्रसाद के समर्थकों ने रामचरितमानस की प्रत्तियां भी जला दी थी, जिसपर विवाद हुआ। लोगों ने शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर की इस्तीफे की भी मांग की। वहीं, इन दोनों नेताओं के के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की जा रही है।

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