Rajasthan Politics: राजस्थान का ‘पायलट’ कौन? आज शाम तक सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे अशोक गहलोत

अब पार्टी ने गहलोत के तीन वफादार, मंत्री शांति धारीवाल, महेश जोशी और धर्मेंद्र राठौर को विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं होने पर पार्टी ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

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Rajasthan Politics: राजस्थान का 'पायलट' कौन? आज शाम तक सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे अशोक गहलोत
Rajasthan Politics: राजस्थान का 'पायलट' कौन? आज शाम तक सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे अशोक गहलोत

Rajasthan Politics: पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव से पहले राजस्थान कांग्रेस इकाई में जारी सियासी संकट के बीच राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बुधवार को दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान से मुलाकात करेंगे। पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ बैठक, इस बात को लेकर चल रही सस्पेंस के बीच होगी कि क्या वह कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन दाखिल करेंगे। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद का चुनाव सालों बाद 17 अक्टूबर को होना है। इस बीच सूत्रों के हवाले से खबर आई है कि राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत जल्द ही राज्य के राज्यपाल से मिलने वाले हैं।

Rajasthan Politics: 107 में से केवल 25 विधायक ही बैठक में पहुंचे

बता दें कि राजस्थान में परिवर्तन की औपचारिक घोषणा रविवार को मुख्यमंत्री गहलोत के आवास पर विधायकों की बैठक में की जानी थी। कांग्रेस के 107 में से केवल 25 विधायक ही पहुंचे, जिनमें सचिन पायलट भी शामिल हैं। वहीं, अधिकांश विधायक कथित रूप से गहलोत के वफादारों द्वारा बुलाई गई समानांतर बैठक में शामिल हुए।

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मंत्री शांति धारीवाल, महेश जोशी और धर्मेंद्र राठौर को कारण बताओ नोटिस

अब पार्टी ने गहलोत के तीन वफादार, मंत्री शांति धारीवाल, महेश जोशी और धर्मेंद्र राठौर को विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं होने पर पार्टी ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के पर्यवेक्षक अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा सोनिया गांधी को सौंपी गई रिपोर्ट के आधार पर नोटिस जारी किए गए हैं।

गौरतलब है कि राजस्थान के 82 विधायकों ने जयपुर में धारीवाल के आवास पर समानांतर बैठक की और पार्टी के लिए शर्तें रखीं। गहलोत का उत्तराधिकारी नियुक्त करने के लिए अधिकृत करने वाले प्रस्ताव को पारित करने के लिए बुलाई गई आधिकारिक विधायक दल की बैठक में विधायक शामिल नहीं हुए थे। कांग्रेस की अनुशासन समिति ने तीनों को 10 दिनों के भीतर यह बताने को कहा है कि उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं शुरू की जानी चाहिए।

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