Patna HC: बिहार में शराबबंदी को लेकर पटना हाईकोर्ट ने नीतीश सरकार को जमकर फटकार लगाई है। पटना हाईकोर्ट के न्यायाधीश पूर्णेन्दु सिंह ने एकल बेंच में सरकार की कई खामियां गिनवायी है। कोर्ट का कहना है कि शराबबंदी को सही तरीके से लागू नहीं करा पाने की वजह से प्रदेश में अपराध की घटनाएं बढ़ी है।
दरअसल, शराब की खरीद-फरोख्त से संबंधित मामले में नीरज सिंह की जमानत याचिका पर सुनवाई करने के दौरान न्यायाधीश पूर्णेन्दु सिंह ने सख्त टिप्पणी की है। जज ने कहा कि शराबबंधी कानून को ठीक तरीके से लागू नहीं कर पाने के कारण ही बिहार में 9 श्रेणियों में अपराध के मामलों में बढ़ोतरी हुई है, जिनमें नाबलिगों में ड्रग का सेवन, ड्रग्स की तस्करी, वाहन चोरी और अवैध शराब पीने से मौतें शामिल हैं।
Patna HC: शराबबंदी के बाद चरस-गांजे की अवैध तस्करी बढ़ी-कोर्ट
पटना हाईकोर्ट के जज पूर्णेन्दु सिंह ने अपने 20 पन्नों के फैसले में कहा कि शराबबंदी की वजह से प्रदेश में रहने वाले लोगों और पर्यावरण पर प्रतिकूल असर देखने को मिल रहा है। कोर्ट ने यह भी कहा कि शराबबंदी से पहले बिहार में चरस और गांजा की अवैध तस्करी और सेवन के मामले कम आया करते थे, लेकिन 2016 में शराबबंदी लागू होने के बाद से ऐसे मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिली है। साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि शराब ना मिल पाने की वजह से लोग अब दूसरे तरह के नशे करने लगे हैं। इस कारण सैकड़ों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ रही है।
Patna HC: शराबबंदी कानून में कोर्ट ने बताई ये कमियां
राज्य के बाहर और नेपाल से शराब की तस्करी बढ़ी जो एक आर्थिक अपराध है।
शराब तस्करी में चोरी किए हुए वाहनों का उपयोग और उसमे फर्जी रजिस्ट्रेशन का इस्तेमाल।
मासूम बच्चों को शराब तस्करी में शामिल करना।
शराब को नष्ट करने से पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रतिकूल असर।
तलाशी, जब्ती और जांच के संचालन में जांच अधिकारी द्वारा छोड़ी गई कमी।
दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक करवाई करने में राज्य की विफलता।
मानव क्षमता की हानि-शराबबंदी ने सस्ती शराब और नशीली दवाओं के सेवन को बढ़ावा दिया है, जिससे अवैध शराब की समानांतर अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिला है।
नशीली दवाओं खपत और इसके आदी व्यक्तियों की संख्या में तेज वृद्धि।
जहरीली शराब -मिथाइल अल्कोहल के सेवन से मृत्यु।
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