कोरोना की दूसरी (Corona Second Wave) लहर में सबसे अधिक भारत में किसी राज्य की चर्चा हुई थी तो वह उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) है। यहां पर गंगा किनारे लाशों की बस्ती की तस्वीरें, गंगा में बहती लाशों ने अंतरराष्ट्रीय मीडिया का ध्यान अपनी तरफ खींचा था। अब इसी राज्य की सरकार ने दावा किया है कि यूपी में ऑक्सीजन की कमी (Oxygen Crisis) के कारण किसी की भी जान जाने की सूचना नहीं है। गुरुवार को विधान परिषद में प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस नेता दीपक सिंह (Deepak Singh) द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब में उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह (UP Health Minister Jai Pratap Singh) ने कहा कि प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी के कारण किसी की मौत नहीं हुई थी।
यूपी सरकार से पूछा सवाल
कांग्रेस नेता दीपक सिंह के सवाल का जवाब देते हुए स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा कि यूपी में कोरोना काल के समय दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी के कारण किसी की जान जाने की कोई सूचना नहीं है। इस पर दीपक सिंह ने कहा कि बीजेपी सरकार के कई मंत्रियों ने ही पत्र लिख कहा था कि ऑक्सीजन की कमी के कारण कई लोगों की मौतें हो रही हैं।
उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री को घेरते हुए कहा कि दूसरी लहर के दौरान कई ऐसी भी खबरें आईं थी कि सांसदों ने भी ऑक्सीजन की कमी के कारण मौत पर पत्र लिखा है। ऑक्सीजन की कमी के कारण कई लोगों की मौत की खबरें भी आईं थी। क्या सच में राज्य सरकार को इस बाबत कोई पुख्ता जानकारी नहीं है? दीपक सिंह ने यूपी सरकार से सवाल पूछते हुए कहा कि गंगा में तैरती लाशों की तस्वीर याद नहीं है। गंगा किनारे लाशों की बस्ती को सरकार भूल गई।
गंगा घाट का मंजर
इस पर सफाई देते हुए स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा, ”अस्पताल में भर्ती मरीज की मौत होने पर उसका मृत्यु प्रमाण पत्र डॉक्टर जारी करते हैं। प्रदेश में अब तक कोविड-19 के कारण 22,915 मरीजों की मृत्यु हुई है, जिनमें से किसी के भी मृत्यु प्रमाण पत्र में ‘ऑक्सीजन की कमी से मौत’ का जिक्र नहीं है।”
जाहिर है कोरोना की दूसरी लहर के दौरान उत्तर प्रदेश के में स्थित गंगा घाट के किनारे से ऐसी तस्वीरें सामने आईं थी जिसे देखने के बाद हर कोई दंग रह गया था। बता दें कि इस तरह का दावा महज उत्तर प्रदेश सरकार ने ही नहीं किया है बल्कि 13 राज्य भी कह चुके हैं कि ऑक्सीजन की कमी के कारण किसी की मौत नहीं हुई है। 26 जुलाई को सभी राज्यों से पूछा गया था कि ऑक्सीजन की कमी से अब तक कितने लोगों की मौत हुई हैं? इस पर 13 राज्यों ने जवाब पेश किया था।
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