Congress नेता Navjot Singh Sidhu ने Supreme Court से उनके ख़िलाफ़ Road Rage Case में दायर पुनर्विचार याचिका को खारिज करने का अनुरोध किया है। सिद्धू ने Review Petition के जवाब में कहा है कि समीक्षा याचिका विचारणीय नहीं है और यह घटना 33 साल पहले की है। बता दें कि रोड रेज मामले में सिद्धू को दी गई सजा पर पीड़ित परिवार की तरफ से दाखिल समीक्षा याचिका पर सुनवाई की तारीख सुप्रीम कोर्ट ने 25 फरवरी की तय की थी।
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बता दें कि केस में इससे पहले नवजोत सिंह सिद्धू की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में लेटर सर्कुलेट कर मामले की सुनवाई टालने की अपील की गई थी। सिद्धू की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता पी चिदंबरम ने पीठ से अनुरोध किया था कि वह मामले को 21 फरवरी के बाद सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करे क्योंकि पंजाब में विधानसभा के चुनाव 20 फरवरी को थे।
क्या है Road Rage Case जिसमें Navjot Singh Sidhu का आया नाम
Navjot Singh Sidhu और उनके दोस्त रुपिंदर सिंह संधू 27 दिसंबर, 1988 को पटियाला में शेरनवाला गेट चौराहे के पास अपनी गाड़ी में बैठे हुए थे। उसी समय गुरनाम सिंह नाम के एक व्यक्ति के साथ गाड़ी हटाने को लेकर उनका विवाद हो जाता है। जिसके बाद मारपीट में गुरनाम सिंह की हत्या हो जाती है और सिद्धू पर गुरनाम सिंह के साथ मारपीट करने और उनकी मौत का कारण बनने का आरोप लगता है। इस घटना के बाद सिद्धू को पंजाब पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया था और उन्हें पटियाला जेल में कई दिन भी बिताने पड़े थे।
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इस मामले में निचली अदालत ने सिद्धू को बरी कर दिया था लेकिन 2006 में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने उन्हें गैर-इरादतन हत्या का दोषी ठहराया और मामले में उन्हें तीन साल के लिए जेल भेज दिया था। जिसके बाद सिद्धू और उनके दोस्त ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और 2007 में कोर्ट ने उनकी सजा निलंबित कर उन्हें जमानत दे दी थी। 15 मई 2018 को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को मामूली जुर्माना लगाकार बिना किसी सजा के बरी कर दिया था।
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