Madhya Pradesh Panchayat Elections का मामला एक बार फिर Supreme Court पहुंच गया है। इस बार केंद्र सरकार ने खुद को इस मामले में पक्षकार बनाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की है। वहीं इस मामले में मध्यप्रदेश सरकार ने पहले से ही निकाय चुनाव में OBC आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार याचिका दाखिल कर चुकी है।
बता दें कि रविवार को Madhya Pradesh में राज्य सरकार ने पंचायत चुनाव निरस्त कर दिया। यह फैसला कैबिनेट बैठक के बाद लिया गया था। रविवार को कैबिनेट ने चुनाव निरस्त करने का प्रस्ताव पारित कर राज्यपाल के पास भेजा था। राज्यपाल द्वारा प्रस्ताव पर मुहर लगाने के बाद राज्य निर्वाचन आयोग चुनाव निरस्तीकरण का निर्देश दे सकता है।
पंचायत चुनाव को लेकर गृह मंत्री Narottam Mishra ने कहा था, ”मध्यप्रदेश कैबिनेट द्वारा प्रदेश में पंचायत राज अधिनियम 1993 की धारा 9 (क) के अंतर्गत होने वाले पंचायत चुनाव के अध्यादेश को निरस्त करने का प्रस्ताव पारित कर महामहिम राज्यपाल मंगुभाई पटेल (@GovernorMP) महोदय को भेजने का निर्णय लिया है।”
Panchayat Elections को लेकर BJP-Congress आमने-सामने
बता दें कि पंचायत चुनाव में आरक्षण को लेकर पिछले कई दिनों से राज्य में राजनीति गर्म है। इस मामले को लेकर कांग्रेस हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट गई थी। Madhya Pradesh Panchayat Elections से जुड़े मामलों पर Supreme Court ने निर्देश दिया था, ”अगर संविधान के अनुरूप चुनाव हो रहे हैं तो कराएं अन्यथा चुनाव रद्द कर दें। राज्य निर्वाचन आयोग पर चुनाव कराने का फैसला छोड़ते हुए कोर्ट ने कहा था कि आयोग खुद निर्णय ले चुनाव कैसे कराए जाएं या नहीं कराए जाएं।” वहीं कोर्ट ने ओबीसी सीटों के चुनाव पर राेक लगा दी थी।
इसके बाद विपक्ष सरकार को पंचायत चुनाव को लेकर लगातार आड़े हाथ ले रहा था। विधानसभा के सत्र के दौरान ओबीसी आरक्षण को लेकर चर्चा हुई थी। इस दौरान दोनों दलों के बीच खूब तकरार हुई थी।
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