Mamata Banerjee:ओड़िशा के बालासोर में 2 जून को भीषण ट्रेन हादसा हो गया था। इसमें 288 लोगों की मौत की खबर सामने आई है वहीं, 1000 से अधिक लोग जख्मी हुए थे। हादसे को लेकर कांग्रेस रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का इस्तीफे की मांग कर रही है। वहीं, रेलवे बोर्ड ने इस दुर्घटना की जांच सीबीआई से करा रहा है। आज मंगलवार को सीबीआई की 10 सदस्यीय टीम घटनास्थल पर पहुंची और मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इस बीच पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने बंगाल के लोगों की मौत को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि इस हादसे में पश्चिम बंगाल के 103 लोगों के शवों की पहचान कर ली गई हैं। वहीं, अभी भी 31 लोग लापता है।

Mamata Banerjee:इतने लोगों की मौत की सच्चाई सामने आनी चाहिए- ममता बनर्जी
बालासोर ट्रेन हादसे को लेकर सीएम ममता बनर्जी का रुख कड़क दिख रहा है। वो इस हादसे को लेकर लगातार केंद्र सरकार पर सवाल खड़ी कर रही हैं और अच्छे से जांच कराने की बात कह रही हैं। सीएम ममता आज ओड़िशा के कटक में थीं। यहां उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा,”ओड़िशा और पश्चिम बंगाल सरकार मिलकर काम कर रही है। वे निःशुल्क इलाज करा रहे हैं।”
उन्होंने आगे कहा,”पश्चिम बंगाल के 103 शवों की पहचान कर ली गई है और 97 लोगों का इलाज चल रहा है। वहीं, 31 लोग अभी भी लापता है।” ममता बनर्जी ने कहा,”इतने लोगों की मृत्यु हुई है, सच्चाई सामने आनी चाहिए।”
531 लोगों को दिया जा चुका है मुआवजा- दक्षिण पूर्व रेलवे के सीपीआरओ
बालासोर ट्रेन हादसे के प्रभावित लोगों को मुआवजे का ऐलान किया गया था। अब सरकार इस मुआवजे को देने में तीव्रता दिखा रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, अभी तक कुल 531 लोगों को मुआवजा दिया जा चुका है। दक्षिण पूर्व रेलवे के सीपीआरओ आदित्य कुमार चौधरी ने बालासोर में बताया,”531 लोगों को मुआवजा दिया जा चुका है, जिनमें सामान्य चोट वाले 303, गंभीर रूप से घायल होने वाले 109, और 119 मृतकों(मृतकों के परिवार) को मुआवजा दिया गया है।”
उन्होंने बताया कि अभी तक 15.6 करोड़ की राशि दी जा चुकी है।
ओडिशा के मुख्य सचिव प्रदीप जैन ने हालिया जानकारी देते हुए कहा,”अभी तक कुल 288 लोगों की मृत्यु हो गई है। 95 शवों का जिला स्तर पर हस्तांतरण किया गया था। 193 शवों को भुवनेश्वर लाया गया था, जिसमें से 110 शवों की पहचान हो गई है। कुल 288 में से 205 शवों की पहचान हो गई है। 83 शवों की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है।”
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