Katihar Massacre: हाल ही में नेटफ्लिक्स पर ‘खाकी: द बिहार चैप्टर’ नाम की वेब सीरीज रिलीज हुई थी। सीरीज में जो दृश्य दिखाए गए हैं उससे मिलती-जुलती तस्वीर आपको आज भी बिहार में जमीनी स्तर पर देखने को मिल जाएगी। बिहार में ‘कटिहार नरसंहार’ की एक घटना सामने आई है, जिसमें करीब चार शव मिले हैं, जबकि एक लापता है। यह घटना कटिहार के सेमापुर थाना क्षेत्र के मोहना चांदपुर दियारा की है। अब पुलिस ने मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। आइए बताते हैं कटिहार नरसंहार की कहानी…

इलाके में दहशत का माहौल
बिहार के कटिहार में 2 दिसंबर को दो गुटों में ताबड़तोड़ गोलीबारी हुई थी। इस घटना में चार लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। यह मामला कई दिनों से ट्विटर पर ट्रेड कर रहा है। घटना कटिहार जिले के बरारी थाना क्षेत्र के बकिया दियारा की है। यह बिहार सरकार की नाकामी है कि कटिहार में ‘नरसंहार’ जैसी घटना पर भी इतनी खामोशी है। हालांकि कटिहार एसपी ने मामले में उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है, लेकिन अभी भी लोग दहशत में हैं और इलाके में दहशत का माहौल है।
बता दें कि यह मामला पिछले दो दिनों से ट्विटर पर ट्रेंड कर रहा था। सोचने वाली बात यह है कि आखिर बिहार में अपराधी इतने बेखौफ हैं कि कोई अपराध करने से पहले सोचते भी नहीं हैं। नीतीश सरकार, शिक्षक भर्ती को लेकर आंदोलन कर रहे लोगों पर लाठी जरूर चलती है। लेकिन फिर अपराधी पुलिस के डंडों से क्यों नहीं डरते? सवाल बिहार की ‘जंगलराज’ सरकार पर ही नहीं बल्कि पुलिस प्रशासन पर भी उठ रहा है।
ऐसा नहीं है कि महागठबंधन बनने के बाद अपराध बढ़े हैं या फिर जंगलराज लौट आया है। दरअसल बिहार में ‘दबंगई’ और ‘जंगलराज’ की झलक हमेशा देखने को मिलती रही है। बिहार से आए दिन आपराधिक घटनाएं सामने आ रही हैं। लेकिन इसकी सुध लेने वाला शायद ही यहां कोई है।
क्या है पूरा मामला?
कटिहार, बिहार के गंगा किनारे बसा एक शहर है। यहां मोहन ठाकुर और सुनील यादव के बीच कई सालों से ‘बर्चस्व’ की लड़ाई जारी है। ठाकुर और यादव में गैंगवार होते रहता है। तारीख थी 2 दिसंबर। बकिया और मोहना चांदपुर दियारा में अचानक ताबड़तोड़ गोलियों की आवाज सुनाई देने लगी। दोनों गुटों में मुठभेड़ हो रही थी। सुनील यादव गैंग के सदस्य बताए जा रहे छह लोग मारे गए थे। मृतकों की पहचान राहुल यादव, सोनू यादव, लालू यादव और तीन अन्य के रूप में हुई है। हालांकि, कटिहार पुलिस ने अब तक चार शव बरामद किए हैं। घटना को लेकर जिले के एसपी जितेंद्र कुमार ने संबंधित सेमापुर थाने के एसएचओ राजकुमार चौधरी को निलंबित कर दिया था।
बताया गया कि मोहन ठाकुर और सुनील यादव के बीच गैंगवार की घटना ट्विटर पर एक पोस्ट अपलोड करने की वजह से हुई है। अपलोड़ पोस्ट में कहा गया है कि वे बाद के गिरोह के 20 और सदस्यों को मार देंगे। पोस्ट को एक यूजर अमृतांशु वत्स ने अपलोड किया है।
अमृतांशु वत्स ने ट्वीट किया था कि यदुवंशी सेना का जोकर 36 घंटे के अंदर मेरे घर नहीं पहुंचा तो मैं उसके 20 विकेट और हटा दूंगा। उनके ट्वीट के बाद कटिहार पुलिस अलर्ट पर है और किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए सभी उपाय कर रही है। क्षेत्र के ग्रामीणों को गैंगवार की आशंका सता रही है जो कभी भी भड़क सकती है।
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