Karnataka Cabinet: बीती 13 मई को घोषित कर्नाटक चुनाव के नतीजों में कांग्रेस को शानदार जीत हासिल हुई थी।जीत के बाद एक तरफ जहां पार्टी अपना सीएम चुनने के मीटिंग कर रही है तो वहीं पार्टी का समर्थन करने वाले समुदाय अपने नेताओं को कैबिनेट में जगह देने की मांग कर रहे हैं।
जहां एक तरफ 2013 की सरकार में कैबिनेट का हिस्सा रहे पार्टी के दिग्गज नेता खुद के दोबारा कैबिनेट में आने की उम्मीद से आलकमान की तरफ देख रहे हैं। दूसरी ओर राज्य में जीत के लिए जिम्मेदार अन्य समुदाय के लोग अपने नेताओं को कैबिनेट पोर्टफोलियो दिए जाने की मांग उठा रहे हैं।
Karnataka Cabinet: गृह, राजस्व और शिक्षा विभाग की मांग उठाई
Karnataka Cabinet:कर्नाटक वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शफी सादी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से कहा मुस्लिम समुदाय पार्टी के पीछे खड़ा है, सादी वही नेता हैं जिन्हें बीजेपी ने वक्फ बोर्ड का अध्यक्ष बनने में मदद की थी। शफी ने कहा, चुनाव से पहले हमने मुस्लिमों के लिए 30 सीटों की मांग की थी, लेकिन हमें केवल 15 सीटें ही दी गईं, उन सीटों में से 9 उम्मीदवार चुनाव जीते हैं। 72 सीटों पर कांग्रेस सिर्फ मुसलमानों की वजह से जीती है। उन्होंने कहा, हम पार्टी के साथ तब खड़े हुए जब उसे हमारी जरूरत थी और अब बदले में अच्छे मंत्रालय पाने का समय आ गया है। हम गृह, राजस्व और शिक्षा जैसे विभागों के साथ एक डिप्टी सीएम पद चाहते हैं।
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Karnataka Cabinet:लिंगायत भी कर रहा मांग
कर्नाटक जीतने में पार्टी का समर्थन करने वाला लिंगायत समुदाय भी अपने उम्मीदवारों के लिए पदों की मांग कर रहा है। कांग्रेस की ओर से उतारे गए 51 लिंगायत उम्मीदवारों में से 38 ने जीत हासिल की, जबकि बीजेपी के लिए यह संख्या काफी कम हो गई है. भले ही लिंगायतों को भगवा पार्टी का वोट बैंक माना जाता था, लेकिन 68 में से केवल 18 ही जीत पाए।
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