Jammu Kashmir Delimitation: जम्मू और कश्मीर के परिसीमन आयोग ने केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा सीटों के पुनर्गठन पर अंतिम रिपोर्ट जारी कर दी है। आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, जम्मू डिवीजन में 43 सीटें जबकि कश्मीर डिवीजन में 47 विधानसभा सीटें होंगी। साथ ही आयोग ने 16 सीट रिजर्व करने का सुझाव दिया है। कुल मिलाकर यहां अब 90 विधानसभा सीटें होंगी, इसके साथ ही 5 लोकसभा की सीटें भी हो गई है।
सूत्रों के अनुसार आयोग को 6 मई 2022 तक अंतिम रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया था। इससे पहले आयोग की तरफ से मसौदा रिपोर्ट जारी कर जम्मू कश्मीर से सुझाव लिए गए थे। बता दें कि रिपोर्ट के जारी होने के साथ ही केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव कराए जाने का रास्ता साफ हो गया है।
Jammu Kashmir Delimitation: मार्च 2020 में किया गया था परिसीमन आयोग का गठन
जम्मू-कश्मीर के लिए, सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय परिसीमन आयोग का गठन मार्च 2020 में एक साल के लिए किया गया था। बाद में, पैनल को 3 मार्च, 2021 को केंद्र सरकार से एक साल का विस्तार मिला, और बाद में इस साल फरवरी में दो महीने का एक और विस्तार मिला। आयोग में मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा और उप चुनाव आयुक्त चंद्र भूषण कुमार, राज्य चुनाव आयुक्त (एसईसी) केके शर्मा और मुख्य चुनाव अधिकारी हृदेश कुमार भी इसके पदेन सदस्य हैं।
Jammu Kashmir Delimitation: जम्मू कश्मीर विधानसभा की सीटें
कुल सीटें: 90
कश्मीर डिवीजन : 47
जम्मू डिवीजन: 43
अनुसूचित जाति: 07
अनुसूचित जनजाति : 09
क्यों कराया जाता है परिसीमन?
समय के साथ जनसंख्या में परिवर्तन का प्रतिनिधित्व करने के लिए परिसीमन एक निर्वाचन क्षेत्र की सीमाओं को फिर से तय करने का कार्य है, चाहे वह विधानसभा या लोकसभा सीट हो। यह कवायद पूरी होने के बाद ही चुनाव कराया जा सकता है।
इस तरह की कवायद का उद्देश्य आबादी के समान वर्गों के लिए समान प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करना और भौगोलिक क्षेत्रों का निष्पक्ष विभाजन सुनिश्चित करना है ताकि सभी राजनीतिक दलों या चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के पास मतदाताओं की संख्या के मामले में समान अवसर हो।
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