केंद्रीय मंत्री अश्वनी चौबे (Ashwini Choubey) के काफिले पर गुरुवार की शाम बक्सर में पत्थरबाजी हो गई। दरअसल, घटना बक्सर बनारपुर गांव की है। बता दें कि पिछले दिनों पुलिस द्वारा महिलाओं और बच्चों पर लाठियां बरसाने, नाबालिग बच्चों के पकड़े जाने को लेकर लोग आक्रोशित थे। जैसे ही सांसद बक्सर पहुंचे लोग भड़क गए। बक्सर के चौसा में थर्मल पावर प्लांट को लेकर किसान मुआवजे को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। बताते चलें कि 86 दिनों से जमीन के ज्यादा मुआवजे की मांग को लेकर किसान धरने पर बैठे हैं। पुलिस ने उन पर दो दिन पहले बर्बरता पूर्वक लाठीचार्ज किया। इसके बाद किसानों ने पुलिस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। नाराज किसान उग्र हो गए और पुलिस और किसानों के बीच भीषण टकराव की स्थिति उत्पन्न हो गई थी।
बता दें कि घटना से कुछ घंटे पहले उन्होंने किसानों पर पुलिस लाठीचार्ज को लेकर नीतीश सरकार पर निशाना साधा था। “मुख्यमंत्री और उनके डिप्टी कह रहे हैं कि उन्हें बक्सर में किसानों पर लाठीचार्ज की घटना के बारे में पता नहीं है। फिर सरकार कौन चला रहा है? – एक भूत या प्रेस? हम तब तक चुप नहीं बैठेंगे जब तक किसानों को न्याय नहीं मिलता। पुलिस कर्मी इसमें शामिल को बर्खास्त किया जाना चाहिए।”

उन्होंने कहा, “24 घंटे से ऊपर हो गए, बक्सर लाठीचार्ज की घटना के वीडियो वायरल हो गए फिर भी चाचा धृतराष्ट्र कुमार और भतीजे का कहना है कि उन्हें घटना की जानकारी नहीं है। वे झूठे हैं। किसानों पर झूठे मुकदमे क्यों लगाए गए? अगर लाठियां बरसाई गईं तो किसानों पर, हम चुप नहीं बैठेंगे।” इससे पहले बक्सर में एक वीडियो सामने आने के बाद नीतीश सरकार निशाने पर आ गई थी, जिसमें पुलिसकर्मी किसानों पर लाठीचार्ज करते नजर आ रहे हैं। बिहार के बक्सर में थर्मल पावर प्लांट के लिए भूमि अधिग्रहण के मुआवजे को लेकर किसानों का विरोध बुधवार को हिंसक हो गया था।
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