दिल्ली के ग्रेटर कैलाश इलाके से एक ऐसा मामला सामने आया है जो आपके होश उड़ा देगा। ये जुर्म की एक ऐसी कहानी है जिसने कई मरीजों की जान ले ली। दिल्ली पुलिस ने बताया कि उसने तीन लोगों , डॉ नीरज अग्रवाल, पूजा अग्रवाल और डॉ जसप्रीत सिंह को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इनका साथ देने वाले लैब टैक्नीशियन महेंद्र सिंह को भी गिरफ्तार किया है।
आइए आपको बताते हैं कि ये चार लोग करते क्या थे? पुलिस के मुताबिक असगर अली नाम के मरीज को गॉल ब्लैडर का इलाज कराना था। पिछले साल वह इन लोगों के क्लीनिक में भर्ती हुए थे। अली को शुरू में बताया गया कि उनकी सर्जरी डॉ जसप्रीत सिंह करेंगे जो कि एक माने हुए सर्जन हैं। हालांकि ऑपरेशन से ठीक कुछ वक्त पहले बताया गया कि नीरज और पूजा अग्रवाल ऑपरेशन करेंगे। ऑपरेशन के बाद अली को बहुत दर्द महसूस हुआ और उन्हें सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया। वहां ले जाने तक अली अपनी जान गंवा चुके थे।
पीड़ित परिवार का आरोप है कि नीरज अग्रवाल और उनके साथियों ने ऑपरेशन के दौरान सही से प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया। शिकायत के मुताबिक अग्रवाल फिजिशियन होते हुए सर्जरी कर रहे थे। वे फर्जी दस्तावेजों का भी इस्तेमाल कर रहे थे।
पुलिस ने बताया कि 2016 से इन लोगों के खिलाफ 9 शिकायतें मिल चुकी हैं। हर मामले में मरीज की मौत इन लोगों की लापरवाही के चलते हुई। मामले में जब क्लीनिक की जांच हुई तो कई कमियां सामने आईं। नीरज अग्रवाल हमेशा ही मरीज और उनके इलाज को लेकर फर्जी दस्तावेज इस्तेमाल करते थे।
पुलिस ने 414 प्रिस्क्रिप्शन पर्चियां जब्त की हैं, जिन पर सिर्फ डॉक्टरों के हस्ताक्षर हैं, जिनमें ऊपर काफी जगह खाली छोड़ी गई है। क्लिनिक में की जाने वाली मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी (एमटीपी) प्रक्रियाओं के लिए मरीज की जानकारी वाले दो रजिस्टर और कई प्रतिबंधित दवाएं और इंजेक्शन भी मिले हैं।
पुलिस ने अग्रवाल के घर और क्लिनिक से एक्सपायर्ड सर्जिकल ब्लेड, कई मरीजों के प्रिस्क्रिप्शन की पर्चियां, 47 अलग-अलग बैंकों की चेकबुक, विभिन्न बैंकों के 54 एटीएम कार्ड, कई डाकघरों की पासबुक और छह पीओएस टर्मिनल क्रेडिट कार्ड मशीनें भी बरामद की हैं।
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