Chhattisgarh News: राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी BJP ने एक आरोप पत्र जारी किया जिसमें उसने कांग्रेस सरकार से तीन साल में किए कामों का जवाब मांगा है। बीजेपी अधिकांश योजनाओं को या तो पूर्ववर्ती भाजपा सरकार की या केन्द्र की बता रही है। एकात्म परिसर में मंगलवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में प्रदेश के पूर्व नगरीय निकाय मंत्री अमर अग्रवाल, पूर्व मंत्री एवं भाजपा प्रवक्ता राजेश मूणत, भाजपा प्रदेश मंत्री विजय शर्मा और ओ. पी. चौधरी ने आरोप पत्र जारी किया।
Amar Agarwal ने कहा कि कांग्रेस का घोषणा पत्र सिवाय झूठ के पुलिंदा के अलावा और कुछ नहीं है। कांग्रेस हर चुनाव से पहले जनता के सामने झूठ का पुलिंदा तैयार करती है। 2018 में विधानसभा चुनाव के पूर्व नगरीय निकाय के लिए सम्पत्ति कर आधा करने का वादा किया गया था। 2019 में निकाय चुनावों से पूर्व भी यही वादा किया और अब फिर से वही वादा लेकर आगे आ गए हैं। अगर 3 साल में राज्य में कांग्रेस की सरकार ने वादे पूरे किये होते तो फिर निकाय चुनाव में वही पुराने वादे करने की आवश्यकता नहीं पड़ती।
ज्यादातर योजनाएं भाजपा के समय चालू हुईं
पूर्व मंत्री ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस द्वारा भवन स्वीकृति की प्रक्रिया ऑनलाइन करने का वादा भी झूठा है क्योंकि ऑनलाइन नक्शा स्वीकृति जैसे काम भाजपा के समय में ही प्रारम्भ हो चुके थे। कांग्रेस ये बताए कि 3 साल में स्वच्छता कि दिशा में क्या काम किया गया है। घर-घर से कचरा उठाने की स्वच्छता संबंधी सभी योजनाएं या तो केंद्र की हैं या राज्य में भाजपा के समय चालू हुईं। आगे उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य के लिए यह गर्व कि बात है कि लगातार 3 वर्ष स्वच्छता हेतु पुरस्कार मिला है और पुरस्कार का अधिकार सत्ताधारी पार्टी का ही होता है। इस बात से हमें कोई आपत्ति भी नहीं है क्योंकि राज्य के लिए यह खुशी का अवसर है।
राज्य सरकार ने गरीबों के मकान रोके
पूर्व नगरीय निकाय मंत्री अमर अग्रवाल ने कहा कि सरकार पट्टा वितरण के नाम पर भी गलत जानकारी दे रही है। आबादी पट्टा की योजना राज्य में भाजपा के समय से चालू है। कांग्रेस के शासन काल में जल वितरण ठप्प हो गया है। हर घर तक नल पहुँचाने की योजना भी केंद्र सरकार की है। केंद्र सरकार हर गरीब का घर बनाना चाहती है लेकिन राज्य सरकार राज्यांश न देकर उन गरीबों के मकान को रोक रही है। जिस मोबाइल मेडिकल यूनिट का वादा किया है, वह 8 साल पहले से मुख्यमंत्री शहरी स्वास्थ्य योजना के नाम से चालू है। भाजपा सरकार जब बनी तब नगरीय निकाय का बजट 300 करोड़ था और 2018 में जब कांग्रेस सरकार बनी तब 4,000 करोड़ हो गया । फिर भी कांग्रेस निकाय कर्मचारियों के वेतन देने, निकायों के बिजली बिल तक भरने में असमर्थ है।
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