Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में हाल में हुई बारिश के कारण धान खरीदी केन्द्रों में धान की फसल भीगने के मामले को मंत्री-मंडलीय उप समिति ने गंभीरता से लिया है। बेमौसम बारिश के मद्देनजर धान की सुरक्षा के लिए कैप कव्हर और अन्य व्यवस्थाएं सुनिश्चित हों, इसके लिए रायपुर में खाद्य मंत्री अमरजीत भगत (Amarjeet Bhagat) की अध्यक्षता में मंत्री-मंडलीय उप समिति की बैठक हुई।
बता दें कि विभिन्न इंतजाम के लिए पर्याप्त राशि सहकारी समितियों को उपलब्ध कराई गई थी, इसके बाद संबंधित अधिकारियों ने लापरवाही की है। अब इस मामले में उप समिति ने बेमेतरा, कवर्धा, राजनांदगांव, धमतरी, महासमुंद और रायपुर जिलों के कलेक्टरों, जिला विपणन अधिकारियों और उप पंजीयकों को नोटिस जारी की है।
Chhattisgarh News: खाद्य मंत्री ने नाराजगी व्यक्त की
खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में धान खरीदी व्यवस्था के संबंध में मंत्री-मंडलीय उप समिति की बैठक में धान खरीदी केन्द्रों में धान भीगने की घटना पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि मौसम विभाग ने बारिश का अलर्ट जारी कर दिया था। इसके साथ-साथ शासन ने भी धान सुरक्षा एवं अन्य व्यवस्था के लिए राशि जारी कर दी थी। फिर भी अधिकारियों की लापरवाही से धान भीग गया।
उन्होंने कहा कि धान खरीदी के साथ-साथ इसकी सुरक्षा की जवाबदेही भी हमारी है। बारिश के पहले एवं बाद में नियमित रूप से भौतिक सत्यापन क्यों नहीं किया गया। सही समय में कैपकव्हर, तालपत्री तथा अन्य आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित कर ली जाती तो धान भीगने जैसी स्थिति भी उत्पन्न नहीं होती।
खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने भविष्य में ऐसी लापरवाही न हो इस पर विशेष ध्यान रखने के अधिकारियों को निर्देश दिए। बैठक में वन एवं परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर, सहकारिता एवं स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम भी उपस्थित रहे।
Chhattisgarh News: 6 जिलों में कुल 38 हजार टन धान बारिश से भीगा
गौरतलब है कि मंत्री मंडलीय उप समिति की बैठक में धान के भीगने के संबंध में जानकारी ली गई। अधिकारियों से चर्चा के दौरान पता चला कि बेमेतरा, कवर्धा, राजनांदगांव, धमतरी, महासमुंद और रायपुर सहित 6 जिलों में कुल 38 हजार टन धान बारिश से भीगा है इसे सुखाकर इसकी मिलिंग कराई जा सकती है। वहीं धान खरीदी केन्द्रों में धान के भीगे दानों को पलटकर सुखाया गया है, जिससे धान की कोई क्षति नहीं हुई है।
बता दें कि बैठक में असमय बारिश के कारण प्रभावित उपार्जन केंद्रों की स्थिति, दाने की उपलब्धता, धान खरीदी व्यवस्था, कस्टम मिलिंग एवं धान परिवहन, संग्रहण, भंडारण तथा रख-रखाव के संबंध में विस्तारपूर्वक चर्चा की गई।
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि इस वर्ष समर्थन मूल्य पर 105 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी के लक्ष्य के विरूद्ध अब तक 15 लाख से अधिक किसानों से 58.64 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हो चुकी है।
किसानों को 10 हजार 934 करोड़ 50 लाख रूपए दिया गया
वहीं धान खरीदी के बदले में किसानों को 10 हजार 934 करोड़ 50 लाख रुपये दिया गया है। कस्टम मिलिंग के लिए धान का उठाव एवं परिवहन तेजी से किया जा रहा है। बैठक में अधिकारियों को केन्द्रीय पूल में 61.65 मीट्रिक टन चावल जमा करने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए तेजी से धान का उठाव एवं परिवहन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। वर्तमान में पीडीएस, मिलर्स और किसानों से दाने आपूर्ति के कारण धान खरीदी व्यवस्था में कोई दिक्कत नहीं हो रही है। वहीं शासन ने कहा है कि भविष्य में इस घटना की पुनरावृति नहीं होगी।
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