Chhattisgarh: बिलासपुर के पुलिस उप-महानिरीक्षक दीपक झा के प्रथम जनदर्शन में एक पी़ड़ित की फरियाद पर कार्रवाई की गयी। डी.एन. रवि नाम के व्यक्ति ने बताया कि अपने रिश्तेदार को रेलवे में नौकरी लगाने के लिए 1 लाख 10 हज़ार रूपये उसने ऋषिकुमार नाम के शख्स को दिए थे। उसके द्वारा न ही नौकरी लगाई गई और न ही रकम वापस की गई। इस मामले में उप-पुलिस महानिरीक्षक ने सरकंडा के थाना प्रभारी प्रवेश तिवारी को निर्देशित कर FIR दर्ज करने का आदेश दिया है। जनदर्शन में प्रार्थी के आवेदन पर कुछ ही घंटो में सरकंडा पुलिस द्वारा आरोपी के विरुद्ध IPC की धारा 420 के तहत FIR दर्ज़ की गई।
क्या है मामला?
प्रकरण में डाक्यूमेंट्स विधिवत कलेक्ट किये गए। फ़र्जी नियुक्ति पत्र क़ी भी जारी किया गया। प्रार्थी ने बताया कि आरोपी भी रेलवे स्टाफ में है और अभी उसकी पोस्टिंग बिहार के पटना में है। चश्मदीदों के बयान लिए गए और इसके बाद तत्काल SSP के निर्देश से सिटी के ADSP उमेश कश्यप, सरकंडा CSP स्नेहिल साहू के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी सरकंडा को तत्काल एक पुलिस टीम बिहार भेजने का आदेश दिया।
सरकंडा पुलिस से ASI हेमंत आदित्य,आर.सत्य कुमार पाटले, आर. भागवत चंद्राकर की टीम रातों-रात बिहार के पटना भेजी गई। जहां पुलिस टीम ने बेहतर समन्वय से कर्तव्य निर्वहन करते हुए आरोपी ऋषिकेश कुमार को ना केवल हिरासत में लिया बल्कि सबूत में घटना में प्रयुक्त मोबाइल भी जब्त किया। जिसमें प्रार्थी व अनावेदक के मध्य चैटिंग मौजूद थी और नौकरी लगाने के नाम पर रकम लेना आरोपी ने स्वीकार किया है। आरोपी का नाम ऋषिकेश कुमार है।