कर्नाटक के सियासत में फेर बदल का खेल जारी है। सीएम बी. एस येदीयुरप्पा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। राज्य के नए सीएम अब बसवाराज बोम्मई बन गए हैं। उनका शपथ ग्रहण समारोह संपन्न हो गया है। कहा जा रहा है कि विधायक दल की बैठक में येदीयुरप्पा ने ही बसवाराज का नाम आगे रखा था। बसवाराज लिंगायत समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। इस समुदाय का वोट बैंक के लिहाज से राज्य में बड़ा योगदान है। वहीं बसवाराज सीएम येदीयुरप्पा के काफी करीबी माने जाते हैं। लेकिन अब केंद्र में बैठी सरकार येदीयुरप्पा के सभी करीबियों को हटाने की तैयारी कर ही।

मतलब साफ है कर्नाटक में सीएम फेर बदल होने के बाद अब मंत्रिमंडल विस्तार भी किया जाएगा। इसमें येदीयुरप्पा के सभी करीबी मंत्रियों की छुट्टी तय मानी जा रही है।

इस बात का संकते खुद कर्नाटक के नए सीएम बसवाराज बोम्मई ने दिया है। उन्होंने कहा कि,  ‘हम ज्यादा समय नहीं लेंगे। उन सभी कामों को पूरा करने के लिए जो जरूरी हैं, हमें पूरी टीम की जरूरत होगी। इसलिए हम जल्दी से जल्दी कैबिनेट के गठन का काम करेंगे।’ 

मीडिया के सवालों पर उन्होंने येदियुरप्पा काल के कुछ मंत्रियों और हटाने और नए चेहरों को शामिल करने की संभावना से भी इनकार नहीं किया है। हालांकि सीधे तौर पर वह जवाब देने से भी बचे। 

बोम्मई ने कहा कि येदियुरप्पा सरकार के मंत्रियों को बनाए रखने या फिर हटाने को लेकर कोई फैसला विधायक दल की मीटिंग के बाद ही लिया जाएगा। बोम्मई ने कहा कि आज ही वह राज्य सरकार के सीनियर अफसरों के साथ मीटिंग करेंगे। इस दौरान वह प्रदेश में बारिश के बाद पैदा हुए बाढ़ के हालातों और कोरोना संकट को लेकर बात करेंगे। 

उन्होंने कहा कि फिलहाल कैबिनेट गठन को लेकर बात करने की जरूरत नहीं है। इसे लेकर बाद में मीटिंग की जाएगी। बोम्मई ने कहा कि पर्यवेक्षकों की वापसी के बाद इस पर फैसला लिया जाएगा। वहीं दिल्ली जाकर हाईकमान से मिलने को लेकर बोम्मई ने कहा कि पर्यवेक्षकों से मुलाकात के बाद इस पर फैसला लिया जाएगा। 

बता दे कि मंगलवार को सीएम येदीयुरप्पा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उसके बाद बसवाराज बोम्मई को सत्ता सौंप दी गई है। उन्होंने बुधवार को 11 बजे सीएम पद की शपथ ग्रहण की है।

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