Nitish Kumar के नेतृत्व वाली Bihar सरकार ने राज्य के शिक्षकों को नया टास्क दिया है। राज्य के सभी शिक्षकों को चोरी-छिपे शराब पीने वालों और उसकी आपूर्ति करने वालों की पहचान कर उसकी सूचना मद्यनिषेध विभाग को देनी होगी। विभाग ने इसके लिए टॉल फ्री नम्बर भी जारी किए हैं। जिसमें शिक्षक चोरी छुपे शराब पीने वाले व्यक्तियों की सूचना देंगे और उनकी पहचान गोपनीय रखी जाएगी।
शिक्षा विभाग का नया नोटिस
बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने जो नोटिस जारी किया उसमें लिखा गया, ”उपर्युक्त विषयक की ऐसी सूचनाएं प्राप्त हो रही है अभी भी कतिपय लोगों द्वारा चोरी छुपे शराब का सेवन किया जा रहा है। इसका दुष्परिणाम शराब पीने वाले और उनके परिवार पर पड़ रहा है। इसे रोकना अति आवश्यक है। इस संबंध में निर्देश दिया जाता है कि प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों में शिक्षा समिति की बैठक आहूत कर नशा मुक्ति के संदर्भ में आवश्यक जानकारी दी जाए।”
नोटिस में आगे लिखा गया, ”साथ ही प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयाें / उच्च माध्यमिक विद्यालयों के सभी प्रधान अध्यापकों/शिक्षक /शिक्षिकाओं/ शिक्षा सेवक (तालीमी मरकज), विद्यालय शिक्षा समिति के सदस्यों को निर्देश दिया जाए कि चोरी-छुपे शराब पीने वाले लोग या उसकी आपूर्ति करने वाले लोगों की पहचान कर मघनिषेध विभाग के मोबाइल नंबर- 9473400378, 9473400606 एवं टॉल फ्री नम्बर 18003456268/ 15545 पर सूचना दी जाए। सूचना देने वाले की पहचान गोपनीय रखी जाएगी। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि विद्यालय अवधि के बाद चोरी-छुपे नशापान करने वाले विद्यालय परिसर का कतई उपयोग न करें।”
Bihar: शराबबंदी से जुड़े नियमों में होगा बदलाव
Bihar में शराबबंदी नीतीश सरकार की प्राथमिकताओं में से एक रही है। सूत्रों की मानें तो बिहार ( Bihar) सरकार ने शराबबंदी से जुड़े नियमों में कुछ बदलाव करने का फैसला किया है। गौरतलब है कि बिहार मद्यनिषेध एवं उत्पाद शुल्क अधिनियम, 2016 में संशोधन के लिए सरकार ने एक मसौदा तैयार किया है। मिली जानकारी के मुताबिक राज्य में अब पहली बार शराब पीने वालों को गिरफ्तार करने के बजाय जुर्माना लगाया जाएगा। दर्ज मामलों को वापस लिया जा सकेगा। जिस वाहन में शराब पकड़ी गई है उसे जब्त नहीं किया जाएगा और अगर किया जाता है तो जुर्माना वसूलने के बाद उसे छोड़ दिया जाएगा।
वहीं कानून से फौरन गिरफ्तारी से संबंधित खंड को हटाया जा सकता है, लेकिन अवैध तरीके से शराब बनाने, बेचने या बांटने वालों को कानून की सख्ती का सामना करना पड़ेगा। राज्य सरकार विधानसभा के आगामी बजट सत्र में इस मसौदे को पेश कर सकती है।
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