Bihar Bypoll Election 2021: बिहार कांग्रेस के प्रभारी भक्तचरण दास ने इशारों-इशारों में RJD पर हमला बोलते हुए कहा कि अगर RJD को गठबंधन सहयोगी के रूप में कांग्रेस की जरूरत नहीं है तो क्या वह अब BJP से हाथ मिलाएगी! भक्तचरण दास ने मीडिया से बातचीत में कहा कि कुशेश्वर स्थान सीट पर राजद ने कांग्रेस के साथ गठबंधन तोड़ अच्छा नहीं किया। अगर कांग्रेस प्रत्याशी इस सीट पर जीत जाते तो मदद तो वे राजद सरकार बनाने में ही करते। लेकिन राजद के अपने उम्मीदवार अलग से मैदान में उतारने वाली बात समझ नहीं आ रही है।
कुशेश्वर स्थान सीट पर विवाद
भक्तचरणदास ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव राजद, कांग्रेस और लेफ्ट ने मिलकर लड़ा था। मकसद बीजेपी और जेडीयू को हराना था। लेकिन कुशेश्वर स्थान सीट पर राजद द्वारा कांग्रेस के खिलाफ चुनाव लड़ने का मतलब क्या है? उन्होंने कहा कि पारंपरिक रूप से ये सीट कांग्रेस के हिस्से में आती रही है ऐसे में कांग्रेस से सीट वापिस लेने का मतलब क्या है? क्या राजद को सरकार बनाने के लिए कोई और साथी मिल गया है या वे किसके साथ मिलकर सरकार बनाना चाहते हैं?
राजद सांसद मनोज झा ने ट्वीट कर कांग्रेस को घेरा
बता दें कि Rashtriya Janata Dal के राज्यसभा सांसद और राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोज झा ने बिहार में महागठबंधन के सहयोगी दल कांग्रेस पर बड़ा हमला बोला है। राजद सांसद मनोज झा ने ट्वीट करते हुए कहा है कि ड्राइंग रूम पॉलिटिक्स से जमीनी सियासत नहीं होती।
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मनोज झा के बयान से समझा जा सकता है कि बिहार महागठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। बिहार चुनाव में मिली हार की टीस राष्ट्रीय जनता दल को अभी तक साल रही है। बिहार में राजद के सहयोगी के रूप में कांग्रेस की भूमिका चुनाव के बाद से ही सवालों के घेरे में रही है।
कन्हैया की कांग्रेस में एंट्री से राजद परेशान
वहीं अभी कुछ दिनों पूर्व ही जेएनयू के पूर्व अध्यक्ष और सीपीआई नेता कन्हैया कुमार की कांग्रेस में एंट्री से राजद औऱ खासकर तेजस्वी यादव परेशान दिखे। दरअसल तेजस्वी को यह डर है कि कन्हैया कुमार जिस तरह से राष्ट्रीय और बिहार की राजनीति में हावी हो रहे हैं, युवा हैं और जूझारु हैं तो कहीं न कहीं उनकी कांग्रेस में एंट्री से तेजस्वी की राह में रोड़ा अटक सकता है।
वहीं राजद का यह भी मानना है कि राहुल गांधी कन्हैया कुमार के जरिये बिहार के युवाओं में कांग्रेस को लोकप्रिय बनाने के लिए कन्हैया कुमार को फ्री-हैंड दे सकते हैं। जिससे युवा वोटर दो धड़े में बंट सकते हैं। अभी तो फिलहाल राजद का यही मानना है कि युवा वोटरों पर तेजस्वी यादव का सबसे ज्यादा प्रभाव है।
गौरतलब है कि राजद और कांग्रेस का गठबंधन यूपीए के शासनकाल से चला आ रहा है। बिहार की राजनीति में राजद बड़े बाई की भूमिका में है और कांग्रेस को छोटे भाई की भूमिका से संतोष करना पड़ रहा है।