Azam Khan: उच्च न्यायालय इलाहाबाद से भले ही शत्रु संपत्ति मामले में आजम खान को जमानत मिल गई हो लेकिन जमानत की कई शर्तें आजम खान को परेशान किए हुए हैं। इन शर्तों में जौहर यूनिवर्सिटी कैंपस में स्थित शत्रु संपत्ति को कब्जा मुक्त कराए जाने की भी शर्त थी। उच्च न्यायालय के इसी आदेश के पालन में जिला प्रशासन ने जौहर यूनिवर्सिटी कैंपस में पैमाईश कर शत्रु संपत्ति को पिलर व तारबाढ़ लगाकर कब्जा प्राप्त कर लिया साथ ही जौहर यूनिवर्सिटी के दो भवनों को भी शत्रु संपत्ति पर निर्माण मानते हुए गिराए जाने का नोटिस जिला प्रशासन ने जौहर यूनिवर्सिटी को थमा दिया।
Azam Khan को सता रहा बुलडोजर का खौफ
अब इस नोटिस के बाद से ही Azam Khan को लगातार बुलडोजर का खौफ सताए जा रहा है जिसके चलते आजम खान ने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाते हुए भवन ना गिराए जाने की गुहार लगाई। आजम खान के वकीलों का कहना है कि उनके द्वारा दायर की गई रिट सुनवाई के लिए लिस्ट कर दी गई है। ऐसे में अब इसकी सूचना जिला प्रशासन रामपुर को देते हुए उच्चतम न्यायालय के निर्णय आने तक भवन ना गिराए जाने को कहा गया है।
आज़म खान के वकील जुबैर अहमद के मुताबिक जिला प्रशासन एसडीएम सदर रामपुर की तरफ से मौलाना मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी को एक नोटिस आया था और उस नोटिस के अंदर यह रिक्वेस्ट की गई थी कि आप यूनिवर्सिटी की बिल्डिंग को खाली कीजिए। दो बिल्डिंग को और इसको डिमोलिश करना है और उस नोटिस में यह भी कहा गया था कि 312 क्राइम नंबर पर जो मुकदमा दर्ज है जिसमें मोहम्मद आजम खान साहब को बेल मिली है उस बेल की कंडीशन की कंप्लायंस में हम ऐसा कर रहे हैं।
वहीं यूनिवर्सिटी का कहना है कि हमारी कोई भी बिल्डिंग किसी भी शत्रु संपत्ति पर नहीं बनी हुई है और यह एक तरीके से मिस यूज़ ऑफ प्रोसेस ऑफ लॉ है इसी बात को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है और जिसमें इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 312 के केस में जो कंडीशन लगाई है उसको भी चैलेंज किया गया है और यह कल फाइल हुई थी।
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