Arvind Kejriwal: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। सीएम के सरकारी आवास के रिनोवेशन पर हुए खर्च का अब सीएजी ऑडिट होगा। बता दें, एलजी की सिफारिश के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से सीएजी ऑडिट कराने का फैसला हुआ है। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, एलजी हाउस के एक अधिकारी ने इस खबर की पुष्टि की है।
दरअसल दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना के दफ्तर से 24 मई को केंद्रीय गृह मंत्रालय को एक पत्र भेजा गया था, जिसमें कैग द्वारा विशेष ऑडिट कराने की सिफारिश की गई थी। इस पत्र में कहा गया था कि ‘पहली नजर में ऐसा प्रतीत होता है कि मुख्यमंत्री आवास के पुनर्निर्माण के नाम पर कई सारे उल्लंघन और बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताएं बरती गई हैं।’
मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया था कि दिल्ली सरकार ने 2020 और 2022 के बीच सीएम के आधिकारिक आवास के नवीनीकरण पर लगभग ₹45 करोड़ खर्च किए थे। यह पैसा आयातित संगमरमर, आलीशान आंतरिक सज्जा, रसोई के गैजेट्स पर खर्च किया गया था।
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Arvind Kejriwal: आवास पर 45 करोड़ रुपये खर्च करने का आरोप
बीजेपी ने दावा किया था कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सिविल लाइन्स स्थित सरकारी आवास में मरम्मत के नाम पर 45 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। बीजेपी ने इतनी बड़ी राशि घर में खर्च किए जाने पर अरविंद केजरीवाल से मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे की भी मांग की थी।
कैंप कार्यालय बनवाने में सीएम ने खर्च किए 19 करोड़
उपराज्यपाल को सौंपी गई सीवीसी की रिपोर्ट में बताया गया कि केजरीवाल ने अपने घर में मरम्मत के नाम पर 33.39 करोड़ रुपये खर्च किए। इसके साथ ही कैंप कार्यालय में 19.22 करोड़ रुपये की राशि खर्च की गई। यानी कुल मिलाकर 52.71 करोड़ रुपये की राशि खर्च की गई। सीवीसी की रिपोर्ट सामने आने के बाद बीजेपी ने और भी ज्यादा केजरीवाल सरकार पर हमलावर हो गई है।
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