Allahabad High Court ने अपने महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि जांच रिपोर्ट के आधार पर बर्खास्तगी से पहले कर्मचारी को रिपोर्ट की प्रति न देकर उसे बचाव करने का मौका न देना Natural Justice के विपरीत है और नगर पंचायत ने जांच रिपोर्ट पर कर्मचारी को जवाब दाखिल करने का अवसर न देकर मूलभूत गलती की है। इस मामले में न्यायमूर्ति एस डी सिंह तथा न्यायमूर्ति बी आर सिंह की खंडपीठ ने एकलपीठ के आदेश पर हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया। दरअसल एकलपीठ ने कर्मचारी के बर्खास्तगी आदेश को रद्द कर नियोजक को नये सिरे से कार्यवाही करने का आदेश दिया था।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने महाराजगंज नगर पंचायत के अध्यक्ष की तरफ से दाखिल विशेष अपील को निस्तारित करते हुए आदेश दिया है कि कर्मचारी को जांच रिपोर्ट की कापी दें और एक माह का कारण बताओ नोटिस जारी करें। साथ ही कोर्ट ने अपने फैसले में नोटिस जारी होने के बाद दो हफ्ते के भीतर कर्मचारी को उसका जवाब दाखिल करना का आदेश दिया और उसके बाद दो हफ्ते में सुनवाई कर आदेश पारित किया जाय।
कर्मचारी को सेवा जनित सारे लाभ पाने का हक:Allahabad High Court
कोर्ट ने कहा है कि बर्खास्तगी आदेश रद्द किया जा चुका है। इसलिए निर्णय लेने तक कर्मचारी को सेवा जनित सारे लाभ पाने का हक है। यह आदेश न्यायमूर्ति एस डी सिंह तथा न्यायमूर्ति बी आर सिंह की खंडपीठ ने नगर पंचायत अध्यक्ष की अपील को निस्तारित करते हुए दिया है।
इस मामले में नगर पंचायत का कहना था कि एकलपीठ ने एक तरफा बर्खास्तगी आदेश रद्द कर नये सिरे से कार्यवाही करने का आदेश दिया है और दूसरी तरफ कर्मचारी को सारे लाभ देने का भी आदेश देकर गलती की है।
एकलपीठ ने याचिकाकर्ता कर्मी को जांच रिपोर्ट न देने व बचाव का मौका न देने पर बर्खास्तगी रद्द कर दी थी। जिसे चुनौती दी गई थी। कोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इंकार करते हुए विभागीय कार्यवाही नियमानुसार पूरी करने का समय बद्ध आदेश दिया है।
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