Allahabad HC: कोरोना मरीज रामलाल यादव के तेज बहादुर सप्रू अस्पताल (बेली अस्पताल) प्रयागराज से लापता होने पर कोर्ट ने कड़ा रूख अपनाया है। कोर्ट ने कहा कि लापता मरीज को कोर्ट के समक्ष 6 मई तक पेश करने का आदेश दिया है। कहा कि यदि पेश नहीं किया गया तो अपर मुख्य सचिव गृह ,एसएसपी प्रयागराज सहित सभी विपक्षी कोर्ट में हाजिर हों। अन्यथा प्रशासन जुर्माना भरने को तैयार रहे।
कोर्ट ने कहा कि उपलब्ध तथ्यों से प्रथम दृष्टया लग रहा है कि मरीज को अवैध रूप से निरूद्ध किया गया है। जबकि अपर महाधिवक्ता एमसी.चतुर्वेदी का कहना था कि लापरवाही बरती गई है। अस्पताल में भर्ती मरीज को अवैध रूप से निरूद्ध नहीं माना जाना चाहिए। जांच अधिकारी मामले की गंभीरता से जांच कर रहे हैं। अभी तक यह पुष्टि नहीं हो सकी है कि मरीज की मौत हो चुकी है या नहीं। कोर्ट ने कहा कि अस्पताल में भर्ती मरीज लापता है, न उसे डिस्चार्ज किया गया और न ही परिवार वालों को सौंपा गया।
Allahabad HC: कोरोना के इलाज के लिए किए थे भर्ती
मालूम हो कि याची के पिता 82 वर्षीय रामलाल यादव 4 मई 21 को बेली अस्पताल में भर्ती हुए। वह कोरोना से पीड़ित थे। पिछली 8 मई से उनके बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है। मरीज रामलाल चलने-फिरने में असमर्थ था। इसके बावजूद अचानक कहीं लापता हो गया। पूरा पुलिस महकमा पिछले 11 माह से कोर्ट के आदेश के बावजूद लापता मरीज को पेश नहीं कर सका है।
कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा कि स्पष्ट जानकारी दी जाए अन्यथा कोर्ट भारी मुआवजे पर विचार करेगी। ये आदेश न्यायमूर्ति एसपी. केसरवानी तथा न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी की खंडपीठ ने राहुल यादव की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है।
मामले की जांच एसआईटी को सौंपी
कोर्ट ने पुलिस अधिकारियों व अपर मुख्य सचिव गृह को लापता मरीज को पेश करने का कई बार निर्देश दिया। कोर्ट ने पुलिस द्वारा गंभीर प्रयास न करने पर नाराजगी जताई। मामले की जांच एसआईटी को सौंप दी गई है।
एसएसपी प्रयागराज सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी ने हलफनामा दाखिल कर बताया था कि एसआईटी रिपोर्ट के अनुसार मरीज का ऑक्सीजन लेवल 68 फीसदी हो गया था। जिससे उसे इमर्जेंसी वार्ड से ट्रामा सेंटर शिफ्ट किया गया। जहां से डिस्चार्ज नहीं किया गया और न ही परिवार के सुपुर्द किया गया है।
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