Akhilesh Yadav:वैसे तो लोकसभा चुनाव अगले साल यानी 2024 में होने वाले हैं लेकिन इसके लिए राजनीतिक दलों की तैयारी बहुत पहले से ही शरू हो चुकी है। इस चुनाव में बीजेपी को टक्कर देने के लिए देश में विपक्षी पार्टियां अपनी एकजुटता को सिद्ध करने में लग गई हैं। पिछले दिनों बिहार के सीएम नीतीश कुमार विपक्षी एकता को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी के अलावा आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की थी।
इतना ही नहीं इसके बाद सीएम नीतीश ने बंगाल में सीएम ममता बनर्जी और यूपी में सपा अध्यक्ष और पूर्व सीएम अखिलेश यादव से भी मुलाकात की थी। विपक्षी एकजुटता को लेकर हाल ही में ममता बनर्जी ने अपना बयान दिया था उसी पर अब अखिलेश यादव ने अपनी बात कही है।
Akhilesh Yadav: रास्ता निकालने में लगे हुए हैं नीतीश, ममता और केसीआर-अखिलेश यादव
यूपी के पूर्व सीएम और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सीएम ममता बनर्जी के बयान पर कहा है,”नीतीश कुमार, ममता बनर्जी, केसीआर और अलग-अलग राजनीतिक दल इसका रास्ता निकालने की कोशिश कर रहे हैं, जहां भी कोई पार्टी मजबूत होगी, उन सभी जगहों पर चुनाव उनके नेतृत्व में लड़ा जाएगा।”
आपको बता दें कि सोमवार को सीएम ममता बनर्जी ने उन राज्यों में कांग्रेस को समर्थन देने की बात कही थी जहां कांग्रेस मजबूत है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा था कि इसके साथ ही उन्हें भी बंगाल में कांग्रेस की तरह उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस को समर्थन मिलना चाहिए।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा था,”शुरुआत से मैं कह रही थी कि संबंधित क्षेत्रों में ताकत रखने वाले दलों को वहां सीधे बीजेपी का मुकाबला करना चाहिए। जैसे दिल्ली में आप, बिहार में राजद-जदयू, उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी, तमिलनाडु में द्रमुक-कांग्रेस और पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस।” उन्होंने आगे कहा,”हमने कर्नाटक में कांग्रेस का समर्थन किया था, अब उन्हें पश्चिम बंगाल में भी हमारे साथ वैसा ही करना चाहिए। यह सही नहीं है कि कर्नाटक में वे हमारे समर्थन का आनंद लेंगे और पश्चिम बंगाल में हमारा विरोध करेंगे।”
सीएम ममता ने कहा था,”हमने गणना की है कि कांग्रेस 200 सीटों पर मजबूत है। ऐसे में अगर कांग्रेस कुछ पाना चाहती है तो उन्हें कुछ क्षेत्रों में त्याग भी करना होगा। मान लीजिए यूपी में अखिलेश को प्राथमिकता देनी है तो बैठकर फैसला करें।” ममता ने आगे कहा,”मैं यह नहीं कह रही हूं कि कांग्रेस को वहां नहीं लड़ना चाहिए लेकिन बात करनी जरूरी है।”
विपक्षी एकता की अगुवा की भूमिका में सीएम नीतीश कुमार
बिहार के सीएम नीतीश कुमार देश में विपक्षी एकता को लेकर एक अगुवा की भूमिका में नजर आ रहे हैं। वे पिछले कई महीनों से विपक्ष को एकजुट करने में लगे हुए हैं। हालांकि, उन्होंने पीएम बनने वाले सवाल पर कई बार जवाब देते हुए कहा है कि वे विपक्ष को एकजुट करना चाहते हैं और वे खुद पीएम के दावेदार नहीं है। सीएम नीतीश कुमार बीते दिनों बिहार के डिप्टी सीएम और राजद नेता तेजस्वी यादव के साथ दिल्ली का दौरा किया था।
तब उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, सीएम अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की थी। उन्होंने प्रेस वार्ता में कहा था कि वे देश में बीजेपी के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने में लगे हुए हैं। हाल ही में सीएम नीतीश ने सीएम ममता बनर्जी से बंगाल में मिलने के बाद लखनऊ में अखिलेश यादव से भी मुलाकात की थी। उसके बाद साझा प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा था,”हम आए ही हैं इसीलिए कि ज्यादा से ज्यादा पार्टियों की राय एक हो जाए ताकि देश को आगे ले जाया जा सके।”
उन्होंने आगे कहा था,”हमारी सभी लोगों से बातचीत पहले से हो रही है और इसका अच्छा परिणाम आएगा। सब लोग एक साथ मिलकर अगला चुनाव लड़ेंगे, जो देशहित में अच्छा होगा।”
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