AFSPA: केंद्र सरकार ने गुरुवार को कुछ पूर्वोत्तर राज्यों को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है। गृह मंत्री Amit Shah ने बताया कि केंद्र ने Assam, Nagaland और Manipur राज्यों में सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (AFSPA) के तहत अशांत क्षेत्रों को कम करने का फैसला किया है। गृह मंत्री अमित शाह ने इसको लेकर ट्वीट किया, “एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए पीएम Narendra Modi जी के नेतृत्व में भारत सरकार ने दशकों के बाद नागालैंड, असम और मणिपुर राज्यों में एएफएसपीए के तहत अशांत क्षेत्रों को कम करने का निर्णय लिया है।”
गृह मंत्री शाह ने पीएम मोदी को दिया धन्यवाद
AFSPA के तहत अशांत क्षेत्र कम होने पर पीएम मोदी को धन्यवाद देते हुए गृह मंत्री शाह ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी जी की अटूट प्रतिबद्धता के लिए धन्यवाद, हमारा पूर्वोत्तर क्षेत्र, जो दशकों से उपेक्षित था, अब शांति, समृद्धि और अभूतपूर्व विकास के एक नए युग का गवाह बन रहा है। मैं इस महत्वपूर्ण अवसर पर पूर्वोत्तर के लोगों को बधाई देता हूं।
उन्होंने आगे यह भी कहा कि AFSPA के तहत क्षेत्रों में कमी, पीएम नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा उग्रवाद को समाप्त करने और उत्तर पूर्व में शांति लाने के लिए लगातार प्रयासों और कई समझौतों के कारण बेहतर हुई सुरक्षा की स्थिति और तेजी से विकास का परिणाम है।
AFSPA क्या है?
AFSPA (1958) भारत की संसद का एक अधिनियम है। जिससे सशस्त्र बलों को “अशांत क्षेत्रों” में सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए विशेष अधिकार मिलते हैं। अशांत क्षेत्र (स्पेशल कोर्ट) अधिनियम, 1976 के अनुसार एक बार ‘अशांत’ घोषित होने के बाद, क्षेत्र को कम से कम 6 महीने तक यथास्थिति बनाए रखनी होती है।
बता दें कि पहली बार भारतीय संसद ने यह अधिनियम 11 सितंबर 1958 में नागा हिल के लिए पास किया था। बाद में इसे असम में फिर धीर-धीरे सभी पूर्वोत्तर राज्यों में लागू कर दिया गया था। वर्तमान में AFSPA, असम, नागालैंड, मणिपुर (इंफाल नगर परिषद क्षेत्र को छोड़कर), अरुणाचल प्रदेश के कुछ जिलों में लागू है।
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