आज छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा (Dantewada) जिले में कुछ नक्सलियों ने अपने हथियार डाल दिए हैं। एक अधिकारी ने रविवार को बताया कि छह नक्सलियों जिनमें से चार के सिर पर नकद इनाम था उन्होंने ने छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में पुलिस और सीआरपीएफ अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है।
उन्होंने कहा कि आत्मसमर्पण करने वाले यह माओवादियों के कार्यकर्ता बारसूर क्षेत्र में सक्रिय थे और वह पुलिस के पुनर्वास अभियान ‘लोन वरातु’ से प्रभावित थे और ‘खोखली’ माओवादी विचारधारा से निराश थे।
दंतेवाड़ा के पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव (Abhshek Pallava) ने कहा कि शनिवार को राजधानी रायपुर (Raipur) से करीब 400 किलोमीटर दूर दंतेवाड़ा शहर में उन्होंने वरिष्ठ पुलिस और सीआरपीएफ अधिकारियों के सामने खुद आत्मसमर्पण किया है।
उन्होंने कहा कि आत्मसमर्पण करने वालों में मुन्ना पदमी (24), पांडरू पदमी (27), रोंडा वेको (25), सोनकू आलमी (47) कथित तौर पर पुलिस की टीमों पर हमले और नागरिकों को लूटने की विभिन्न घटनाओं में शामिल थे। प्रत्येक के सिर पर 10,000 रुपये का इनाम था और दो अन्य उग्रवादी आयुतु नेताम (30) और राजू उर्फ माता नेताम (28) को कथित तौर पर इलाके में माओवादी पोस्टर और बैनर लगाने का काम सौंपा गया था। सभी छह उग्रवादी जिले के बारसूर थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं और माओवादियों के मिलिशिया सदस्य के रूप में काम करते थे। इस आत्मसमर्पण से अब तक 437 नक्सलियों ने ‘लोन वरातु’ अभियान के तहत दंतेवाड़ा में हिंसा छोड़ दी है, जिसे पिछले साल जून में शुरू किया गया था।
कुछ दिन पहले छत्तीसगढ़ के उग्रवाद प्रभावित सुकमा जिले में ग्यारह नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था और इन विद्रोहियों में दो महिलाएं भी शामिल थी। सुकमा के पुलिस अधीक्षक (एसपी) सुनील शर्मा ने बताया था, ” नक्सल प्रभावित गदिरास इलाके में सक्रिय इन कार्यकर्ताओं ने खोखली माओवादी विचारधारा पर निराशा व्यक्त करते हुए खुद को पुलिस और सुरक्षा बलों के सामने आत्मसमर्पण किया।
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