-राजीव रंजन सिंह , rajiv@apnlive.com
100 days of Sawant Govt: 6 जुलाई 2022 को गोवा सरकार के 100 दिन पूरे हुए। राज्य भर में अलग-अलग कार्यक्रम के जरिए सरकार ने अपनी उपलब्धियों को सबके सामने लाने की कोशिश की है। इसके साथ ही आने वाले दिनों में जनता के हित में काम करने का अपना संकल्प भी सुनाया। लेकिन 100 दिन पूरे होने के कार्यक्रम को लेकर विपक्ष ने पहले से ही इसका विरोध शुरू कर दिया था। विपक्ष का मानना है कि सरकार काम करने के बजाए जनता के पैसों को बेतहाशा बर्बाद कर ही है।
आज से ठीक 100 दिन पहले गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने गोवा के मुख्यमंत्री पद पर दूसरी बार आसीन होने के लिए शपथ लेने का कार्यक्रम आयोजित किया था। बीजेपी और सहयोगी दल के साथ 25 सदस्यों के साथ गोवा की सत्ता पर बीजेपी काबिज हुई जिसमें से 12 लोगों को मंत्रीमंडल में शामिल किया गया। हालांकि दूसरी बार पद भर संभालने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत के लिए कई चुनातियाँ भी रहीं लेकिन बार बार अपने आप को डबल इंजन की सरकार का प्रतिनिधि कहकर लोगों को बेहतर भविष्य का आश्वासन जरूर देते रहे हैं। और इसी क्रम में 100 दिन पूरे किए गए हैं।

100 days of Sawant Govt: शपथ समारोह में खर्च पर उठे थे सवाल
ऐसा नहीं रहा कि सब कुछ सामान्य था। मुख्यमंत्री डॉ.प्रमोद सावंत को पहले ही दिन से आलोचना सुनने को मिली। महज 20 मिनट के शपथ ग्रहण समारोह के लिए 5 करोड़ 50 लाख रुपए खर्च करने का आरोप भी लगा। श्यामा प्रसाद मुखर्जी इनडोर स्टेडियम में 10 हजार लोगों को बुला कर शपथ ली गई। इस पूरे कार्यक्रम के संचालन के लिए एक खास कंपनी चुनी गई। इस में आरोप पैसे के व्यय के साथ ही अपनी पार्टी के सगे संबंधियों को लाभ पहुँचाने का लगा।

Vinsan Graphics नाम की कंपनी को दिए गए शपथ ग्रहण सामारोह के टेंडर पर सावाल उठे। जिसका जवाब आज भी मुख्यमंत्री पूरी तरह से नहीं दे पाए हैं। इसके बाद विपक्ष ने एक बार फिर चुनावी वायदों पर मुख्यमंत्री को घेरने की कोशिश की है, लेकिन पूरी तरह से कामयाब नहीं दिख रही है, क्योंकि विपक्ष में ना तो एक मत दिख रहीा है ना ही पूरी तरह से मामले को लेकर एकाग्रत। जिस विपक्ष के नेता को चेहरा बनाकर कांगेस चुनावी मैदान में कूदा था, वही दिगंबर कामत अब बीजेपी की गोद में जा बैठे हैं।
100 days of Sawant Govt: 100 दिन के जश्न पर भी उठे सवाल
हालांकि हर सरकार की तरफ से अपनी कामयाबी को बताने के अवसर में कोई कटौती नहीं की जाती है। वैसे भी गोवा में बीजेपी की सत्ता काबिज होने का उतार चढ़ाव जगजाहिर है। लिहाजा मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत एक भी मौका हाथ से छोड़ना नहीं चाहते थे। इस लिए सरकारी कार्यक्रम की करने के लिए अलग अलग इलाकों में कार्यक्रम करने की घोषणा कर दी। लेकिन इस घोषणा के साथ ही विपक्ष ने एक बार फिर चेताया कि ये कार्यक्रम भी शपथ सामारोह की तरह ना हो। मारमुगोंव से कांग्रेस के विधायक और विधानसभा में कांग्रेस के उप नेता संकल्प अमोनकर ने इस बात की घोर आलोचना की।
एक ओर लोग पिछले 100 दिनों से विरोध कर रहे हैं उसका सरकार सुध नहीं ले रही है। पुराने गोवा के इलाके को हेरिटेज का दर्जा दिलाने के लिए विरोध जारी है लेकिन सरकार ने चुप्पी साध ली है। दूसरी समस्या है कि हाल में हुई बरसात ने कई गांवों को शहरों से संपर्क तोड़ दिया है, लेकिन प्रशासन को अपनी ही पीठ थपथपानी है। अमनोनकर के मुताबिक 100 दिनों का कोई महोत्सव नहीं होना होना चाहिए।
100 days of Sawant Govt: प्रमोद सावंत के मुताबिक 100 दिनों में डेवलपमेन्ट हुआ है

इन 100 दिनों में सरकार ने जनता के हित में काम किए हैं, इस बात को मुख्यमंत्री ने अपनी हर सभा और भाषण में दुहराया। इन्फ्रास्ट्रक्चर, मेडिकल सेवाओं में टुरिज्म के क्षेत्र में भी काम किया। सरकार ने जनता के साथ टू वे कम्यूनिकेशन स्थापित किया है। जिसके लिए ग्रिवांसेस पोर्टल की शुरुआत इसी 100 दिन के अवसर पर कर रही है। इसके अलावा Sun , and Sand के रूप में बने गोवा की पहचान अब सॉफ्टवेयर हब के रुप में भी जाना जाएगा।
कई मूलभत समस्याओं पर नियंत्रण पाने और अपनी दृढता को दिखाने के साथ मुख्यमंत्री अपने 100 दिन के कार्यक्रम का सफल आयोजन तो करवा लिया लेकिन जनता को और भी विश्वास उन्हें दिलाना होगा कि जनता के हित के कामों में तेजी लाएँगे। जनता के पैसे का हिसाब देना होगा साथ में ये भी विश्वसा दिलाना होगा कि खर्च बेतहाशा कर उस पर करों का बोझ नहीं होगा।
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