गंगा में पहलवानों ने नहीं बहाया मेडल, हरिद्वार में नरेश टिकैत के मनाने पर मान गए साक्षी, विनेश और बजरंग पुनिया

हम इंडिया गेट पर आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे। - पहलवान

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Wrestlers Protest
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Wrestlers Protest:भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौनशोषण का आरोप लगाकर पहलवानों का प्रदर्शन जारी है। हालांकि, अब यह प्रदर्शन जंतर मंतर पर नहीं बल्कि इंडिया गेट पर होने की बात कही जा रही है। पिछले दिनों 28 मई को नई संसद के उद्घाटन के दौरान वहां महापंचायत करने जा रहे पहलवानों को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया था। इस दौरान महिला पहलवानों ने दिल्ली पुलिस पर उनके साथ दुर्व्यवहार करने के भी आरोप लगाया।

वहीं, अब पहलवानों में रोष और अधिक बढ़ गया है। बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोले पहलवानों ने अब ऐलान किया है कि वे अपने मेडल को गंगा में बहा देंगे। इसके लिए पहलवान बजरंग पुनिया, विनेश फोगाट,साक्षी मलिक व अन्य उत्तराखंड के हरिद्वार पहुंच गए हैं। हरिद्वार में गंगा किनारे साक्षी मलिक, विनेश फोगाट व बजरंग पुनिया भावुक हो गए। पहलवानों को मनाने के लिए भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं बालियान खाप के प्रधान,चौधरी नरेश टिकैत व अन्य खापों के प्रधान पहलवानों से मिलने के लिए हरिद्वार पहुंच गए हैं। वे उनसे मेडल को गंगा में न बहाने की अपील की। अब पहलवान उनकी बातों को मान गए हैं।

नरेश टिकैत हरिद्वार पहुंचे जहां पहलवान यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर डब्ल्यूएफआई प्रमुख और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ विरोध के निशान के रूप में गंगा नदी में अपने पदक विसर्जित करने के लिए एकत्र हुए हैं। उन्होंने पहलवानों से मेडल लिए और पांच दिन का समय मांगा। नरेश टिकैत के मनाने पर पहलवान मान गए हैं और उन्होंने अपना मेडल गंगा में नहीं बहाया है। किसान नेता और पहलवानों ने सरकार को पांच दिनों का अलटीमेटम दिया है।

किसान नेता नरेश टिकैत ने कहा,”बड़ी मेहनत से उन्होंने(पहलवानों) यह पदक जीता है। वे हमारी बैटियां हैं उनके साथ अन्याय हो रहा है। एक आदमी को बचाने के लिए पूरी भारतीय सरकार लगी है। कल खाप पंचायत की बैठक होगी। 5 दिन के अंदर निर्णय लिए जाएंगे।”

पहलवानों का आरोप है,”28 मई को जो हुआ वह सबने देखा। पुलिस ने हमें कितनी बर्बरता से गिरफ्तार किया। हम शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे थे। हमारे आंदोलन की जगह को पुलिस ने तहस नहस कर हमसे छीन लिया और अगले दिन गंभीर मामलों में हमारे ऊपर ही एफआईआर दर्ज कर दी गई।”

राजनेताओं से लेकर खिलाड़ियों तक की प्रतिक्रिया

दिग्गज क्रिकेटर रहे अनिल कुंबले में पहलवानों का समर्थन किया है। उन्होंने कहा है,”28 मई को हमारे पहलवानों के साथ मारपीट के बारे में सुनकर निराशा हुई। उचित बातचीत के जरिए कुछ भी हल किया जा सकता है। जल्द से जल्द समाधान की उम्मीद है।”

कांग्रेस सांद शशि थरूर ने कहा है,”यह बहुत दुख की बात है कि ये ऐसे खिलाड़ी जिन्होंने देश का मान बढ़ाया, वे देश के लिए कई प्रतिष्ठित पदक लेकर आए, उन्होंने देश की सेवा की, आज वे हार रहे हैं। प्रधानमंत्री ने खुद उन्हें देश के नायक के रूप में सम्मान किया और अब उनके साथ बहुत बुरा व्यवहार किया जा रहा है, यह देखकर दुख होता है। मैं सरकार के इस रवैये को नहीं समझ पा रहा। इसके पीछे की राजनीति हो रही है।”

जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने भी पहलवानों का समर्थन किया है। उन्होंने कहा,”जिस तरह से पुलिस ने इनके (पहलवानों) साथ किया..वो गलत है। मैं समझता हूं कि इसकी तरफ प्रधानमंत्री को देखना चाहिए और जिस सांसद ने ये किया है उसके खिलाफ FIR दर्ज किया जाए और उसे सजा दी जाए।”

वहीं, किसान नेता राकेश टिकैत ने पहलवानों से मेडल न बहाने की अपील की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा,”यह मेडल देश और तिरंगे की शान है हमारा सभी पहलवानों से अनुरोध है कि ऐसा कदम मत उठाओ।आपने अपने खेल से देश का सिर गर्व से ऊंचा किया है हमारा राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री जी से अनुरोध है कि मामले को संज्ञान में लेकर पहलवानों से जल्द बातचीत करें।”

Wrestlers Protest
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Wrestlers Protest: पुलिस और तंत्र हमारे साथ अपराधियों जैसा किया व्यवहार-पहलवान

पहलवान साक्षी मलिक, विनेश फोगाट, ओलंपियन बजरंग पुनिया ने साझा एक पत्र जारी किया है, जिसमें उन्होंने कई बातें कहीं हैं और सिस्टम पर सवाल खड़ा किया है। उन्होंने पत्र में लिखा है,”क्या महिला पहलवानों ने अपने साथ हुए यौनशोषण के लिए न्याय मांगकर कोई अपराध किया है? पुलिस और तंत्र हमारे साथ अपराधियों जैसा व्यवहार कर रही है, जबकि उत्पीड़क खुली सभाओं में हमारे ऊपर फब्तियां कस रहा है। टीवी पर महिला पहलवानों को असहज कर देने वाली अपनी घटनाओं को कबूल करके उनको ठहाके में तब्दील कर रहा है। यहां तक कि पास्को एक्ट को बदलवाने की बात सरेआम कह रहा है। हम महिला पहलवान अंदर से इतना ऐसा महसूस कर रही हैं कि इस देश में हमारा कुछ बचा नहीं है।”

ये मेडल अब हमें नहीं चाहिए- पहलवान
धरना प्रदर्शन करने वाले पहलवानों ने पत्र में आगे लिखा है,”इस चमकदार तंत्र में हमारी जगह कहां है, भारत के बेटियों की जगह कहां है, क्या हम सिर्फ नारे बनकर या सत्ता में आने भर का एजेंडा बनकर रह गई हैं।” उन्होंने अपने पत्र में लिखा,”ये मेडल अब हमें नहीं चाहिए क्योंकि इन्हें पहनाकर हमें मुखौटा बनाकर सिर्फ अपना प्रचार करता है यह तेज सफेदी वाला तंत्र और फिर हमारा शोषण करता है। हम उस शोषण के खिलाफ बोले तो हमें जेल में डालने की तैयारी कर लेता है। इन मेडलों को हम गंगा में बहाने जा रहे हैं क्योंकि वह गंगा मां हैं। जितना पवित्र हम गंगा को मानते हैं उतनी ही पवित्रता से हमने मेहनत कर इन मेडलों को हासिल किया है। ये मेडल सारे देश के लिए ही पवित्र हैं और पवित्र मेडल को रखने की सही जगह पवित्र मां गंगा ही हो सकती हैं, न कि हमें मुखौटा बना फायदा लेने के बाद हमारे उत्पीड़क के साथ खड़ा हो जाने वाला हमारा अपवित्र तंत्र।”

उन्होंने आगे लिखा,”मेडल हमारी जान हैं, हमारी आत्मा हैं। इनके गंगा में बह जाने के बाद हमारे जीने का भी कोई मतलब रह नहीं जाएगा। इसलिए हम इंडिया गेट पर आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे। आज शाम 6 बजे हम हरिद्वार में अपने मेडल गंगा में प्रवाहित कर देंगे। इस महान देश के हम सदा आभारी रहेंगे।”

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